लखनऊ। दक्षिण अफ्रीका में बीते बुधवार को आम चुनावों के मद्देनजर वोटिंग हुई। इस बार के चुनाव में डेवलेपमेंट, रक्षा, शिक्षा के साथ एक बड़ा मुद्दा ऐसा रहा, जिसके लिंक यूपी के सहारनपुर जिले से जुड़े हुए हैं। दरअसल, बिल्डर को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में उत्तराखंड पुलिस ने अजय गुप्ता को गिरफ्तार […]
लखनऊ। दक्षिण अफ्रीका में बीते बुधवार को आम चुनावों के मद्देनजर वोटिंग हुई। इस बार के चुनाव में डेवलेपमेंट, रक्षा, शिक्षा के साथ एक बड़ा मुद्दा ऐसा रहा, जिसके लिंक यूपी के सहारनपुर जिले से जुड़े हुए हैं। दरअसल, बिल्डर को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में उत्तराखंड पुलिस ने अजय गुप्ता को गिरफ्तार किया था। अजय गुप्ता का नाता उत्तराखंड से लेकर दक्षिण अफ्रीका तक के विवादों से रहा है। यही कारण है कि दक्षिण अफ्रीका के चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा गुप्ता ब्रदर्स (Gupta Brothers) की है। बता दें कि ये तीन भाई हैं। इसमें से अजय गुप्ता को उत्तराखंड पुलिस ने पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया।
बता दें कि इस मुद्दे ने चुनावी सीजन में दक्षिण अफ्रीका की सत्तारूढ़ पार्टी अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस और राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा को बड़ा मौका दिया। अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा पर जमकर हमला बोला। दरअसल, आरोप है कि गुप्ता ब्रदर्स (Gupta Brothers) ने जुमा की सरकार में दक्षिण अफ्रीका में बड़ा साम्राज्य चलाया। साथ ही जुमा पर भी व्यक्तिगत लाभ के बदले उनकी मदद करने का आरोप लगा है।
फिलहाल, अजय गुप्ता के 2 भाई संयुक्त अरब अमीरात में हिरासत में हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका ने भारत से अजय गुप्ता की गिरफ्तारी का ब्योरा देने का आग्रह किया है। यही नहीं दक्षिण अफ्रीका इन तीनों भाइयों को भगोड़ा भी घोषित कर चुका है।
गौरतलब है केि दक्षिण अफ्रीका में अपना साम्राज्य खड़ा करने वाले गुप्ता ब्रदर्स का लिंक यूपी के सहारनपुर से जुड़ा है। जहां तीनों भाई अजय, अतुल और राजेश 1993 में दक्षिण अफ्रीका गए थे। यहां आने के बाद 1993 में अतुल ने दक्षिण अफ्रीका में अपना पहला व्यवसाय सहारा कंप्यूटर्स शुरू किया। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता परिवार की कंपनियों में कोयला खदानें, कंप्यूटर, मीडिया में अपना कारोबार शुरू किया। वहीं 2016 में अतुल 773.47 मिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दक्षिण अफ्रीका के 7वें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। उन दिनों राष्ट्रपति जैकब जुमा से गुप्ता परिवार की काफी नजदीकियां थीं।
इतना ही नहीं जुमा परिवार के कई सदस्य उनकी कंपनियों में काम भी करने लगे। जिसके बाद दक्षिण अफ्रीका में कैबिनेट नामांकन पर गुप्ता परिवार के प्रभाव के आरोप 2016 में सामने आए। गुप्ता परिवार पर आरोप लगा कि उन्होंने राष्ट्रपति जुमा से करीबी का फायदा उठाया और कई प्रोजेक्ट्स में भ्रष्टाचार किया। इसके अलावा उनपर शीर्ष पदों पर नियुक्तियों को प्रभावित करने का भी आरोप लगा। जिसके बाद गुप्ता ब्रदर्स के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन भी हुए और जैकब जुमा को अपना राष्ट्रपति पद भी त्यागना पड़ा।