Friday, December 6, 2024

Study: अध्ययन में सामने आया डराने वाला सच, यूपी और दिल्ली के लोगों की घट रही उम्र

लखनऊ। यूपी और दिल्ली की प्रदूषित हवा लोगों के लिए बड़ी परेशानी बनती जा रही है। हवा में घुले जहर ने सांसों पर संकट ला दिया है। एक अध्ययन में पता चला है कि प्रदूषित हवा से यूपी-दिल्ली में रहने वाले लोगों की औसत उम्र 5 साल घट गई है। उद्योग और फैक्ट्रियों से निकलने वाला प्रदूषण और वाहन हवा को जहरीला बना रहे हैं।

AQI रिपोर्ट डब्लूएचओ पर आधारित

जहर घोल रहे स्रोतों का अध्ययन कर एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स ने डब्लूएचओ के मानकों पर आधारित एक रिपोर्ट तैयार की है। इसमें कहा गया है कि यूपी में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) राष्ट्रीय मानक 40 के बराबर आ जाए तो, लोगों की उम्र 2.5 साल बढ़ जाएगी। अगर पीएम स्तर डब्ल्यूएचओ के मानक पर आए तो उम्र में 6 साल की वृद्धि होगी। दिल्ली में उम्र 4.3 साल और एनसीआर में उम्र 8.9 वर्ष बढ़ जाएगी। रिपोर्ट की माने तो 55 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाला भारत का उत्तर क्षेत्र में सबसे प्रदूषित है।

वायु प्रदूषण से 3 साल कम हो रही जिंदगी

वायु प्रदूषण से औसत भारतीय की उम्र 3.6 साल कम हो रही है। वहीं तंबाकू से 1.5 साल और अशुद्ध पानी और गंदगी से 8.4 महीने का नुकसान हो रहा है। सबसे साफ हवा की श्रेणी में लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, अंडमान निकोबार, जम्मू कश्मीर, लक्षद्वीप और केरल आता है। आंखों से दिखाई देने वाली धूल नाक में जाकर म्यूकस में मिल जाती है, जिसे धोकर साफ किया जा सकता है। पीएम 2.5 का आकार इतना छोटा होता है कि इसे आंखों से नहीं देखा जा सकता। ये कण फेफड़ों के लिए हानिकार होते हैं।

400 के पार AQI खतरनाक

पीएम 2.5 के कण इतना सूक्ष्म होते हैं, कि बाल की मोटाई भी उनसे 40 गुना ज्यादा होती है। रेत का एक कण भी पीएम 2.5 के कण से 35 गुना ज्यादा होता है। 50 तक एक्यूआई अच्छा माना जाता है। 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच ठीक-ठाक, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच खतरनाक होता है।

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