Friday, September 20, 2024

हिंडनबर्ग के खुलासे पर सपा ने की पीएम मोदी से ये मांग, कहा- ‘दाल में पहले से काला था…’

लखनऊ : बीते दिन शनिवार को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के प्रमुख माधवी बुच को लेकर बड़ा खुलासा किया है। जिसके बाद देश समेत दुनिया में हड़कंप मच गया है. रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधवी बुच और उनके पति ने अडानी ग्रुप के विदेशी फंड में हिस्सेदारी का दावा किया है. इस खुलासे के बाद राजनीति तेज हो गई है. इस बीच समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने इस मामले में सेबी चेयरमैन के इस्तीफे की मांग की है.

हिंडनबर्ग के दावे पर सपा की आई प्रतिक्रिया

सपा नेता ने कहा कि सेबी की कुर्सी पर सबसे बड़ा चोर बैठा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेबी चेयरमैन माधवी बुच का इस्तीफा तुरंत लेना चाहिए। आईपी ​​सिंह ने एक्स पर लिखा- ‘सोमवार सुबह 9 बजे से पूर्व प्रधानमंत्री सेबी की चेयरमैन को इस्तीफा देने का आदेश दें। शेयर बाजार देश की आत्मा है और उस कुर्सी पर सबसे बड़ा चोर बैठी हुई है। ED CBI DRI गहनता से पति और पत्नी की विदेशों में जमा हो रही अवैध कमाई की जांच करें। तत्काल उनका पासपोर्ट जमा कराया जाय। दाल में पहले से काला था जिसका खुलासा अब हुआ है।”

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में किया गया बड़ा दावा

शनिवार को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) प्रमुख माधवी बुच के खिलाफ एक नया हमला किया। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि सेबी चेयरपर्सन बुच और उनके पति की कथित अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए संदिग्ध ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।

18 माह बाद एक ब्लॉगपोस्ट में लगाया आरोप

हिंडनबर्ग ने अडानी पर अपनी पिछली रिपोर्ट के 18 माह बाद एक ब्लॉगपोस्ट में आरोप लगाया, “सेबी ने अदाणी के मॉरीशस और ऑफशोर शेल संस्थाओं के कथित अघोषित जाल में आश्चर्यजनक रूप से कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।” शॉर्ट-सेलर ने “व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों” का हवाला देते हुए कहा, “वर्तमान सेबी प्रमुख माधवी बुच और उनके पति की अदानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों संदिग्ध ऑफशोर फंडों में हिस्सेदारी थी।”

गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद का भी जिक्र

बता दें समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी कथित तौर पर संदिग्ध ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंड को नियंत्रित करते थे। हिंडेनबर्ग का आरोप है कि इन फंडों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और समूह के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया था।

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