लखनऊ। देश की राजनीति में 5 दशक से सक्रिय नेता राजनाथ सिंह भाजपा सरकार में अपनी अहम भूमिका निभाते आए हैं। लखनऊ से लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने के साथ ही लगातार तीसरी बार केंद्रीय मंत्रिंडल में शामिल होने का रिकार्ड भी राजनाथ सिंह के नाम दर्ज किया गया हैं। इसी के साथ ही रविवार को राजनाथ सिंह ने 5वीं बार केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लगातार पांच बार लखनऊ के सांसद रहे थे। लखनऊ से कांग्रेस की शीला कौल तीन बार सासंद रही लेकिन लगातार नहीं।
1974 से आए राजनीति में
देश की राजनीति में लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह बड़ चेहरा माने जाते हैं। चंदौली के भभौरा गांव में 1951 में जन्में राजनाथ सिंह ने भौतिकी में परास्नातक करने के बाद मिर्जापुर के कन्हैया लाल बंसत लाल पीजी कॉलेज(केबी कॉलेज) में भौतिक विभाग में प्रवक्ता के रूप में कार्य की शुरूआत की। 1974 में उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा और इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आपातकाल के विरोध के चलते 2 साल जेल में भी रहे। यहीं से उनकी राजनीति का सितारा चमक उठा। वह राजनीतीत में मंत्री, मख्यमंत्री, केंद्र में कैबिनेट जैसे कई पदों के पदाथिकारी बनें। इस बार की सरकार में भी वह कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। राजनाथ सिंह के शपथ ग्रह करने के बाद से राजनीतिक फलक पर एक बार फिर से लखनऊ की चर्चा तेज हो गई है।
रक्षा के क्षेत्र में महिलाओं को 33 प्रतिशत की घोषणा
राजनाथ सिंह बड़े फैसलों के लेने के लिए जाने जाते हैं। यूपी में शिक्षामंत्री रहते हुए यूपी बोर्ड में परीक्षा में नकल अध्यादेश लागू किया था। इसमें छात्रों के साथ शिक्षकों,केंद्र व्यवस्थापकों को जिम्मेदार ठहराया गया। इस अध्यादेश से वह यूपी की राजनीति में चर्चा में आ गए थे। तमाम विरोध प्रदर्शन करने के बावजूद भी परिक्षा में नकल अध्यादेश को नही हटाया गया। इस अध्यादेश के साथ ही परिक्षा व्यवस्था को पटरी पर ला दिया गया। 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार भाजपा की सरकार बनी तो राजनाथ सिंह को गृहमंत्री और 2019 में रक्षामंत्री बनाए गए। 2015 में केंद्रीय गृहमंत्री के तौर पर सीआईएसएफ सहित अर्ध्द सैनिक बलों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण की घोषणा की गई थी।