लखनऊ: यूपी में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए दो माह से ऊपर हो चुके हैं। ऐसे में एक हॉट सीट मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं हो पाया था। खबर आ रही है कि आज मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की घोषणा भी हो सकती […]
लखनऊ: यूपी में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए दो माह से ऊपर हो चुके हैं। ऐसे में एक हॉट सीट मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं हो पाया था। खबर आ रही है कि आज मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की घोषणा भी हो सकती है. बता दें कि 9 विधानसभा सीट के हाल ही में संपन्न उपचुनाव में 6 सीट जीतकर उत्साहित बीजेपी के लिए मिल्कीपुर सीट इज्जत का सवाल है और वह उसे जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने भी इस इस सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी है।
पिछले उपचुनाव में बीजेपी को सभी 9 विधानसभा सीटों में से 6 सीटों पर जीत मिली थी। अब ऐसे ही बीजेपी मिल्कीपुर सीट पर जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक देगी। जबकि सपा इस हॉट सीट पर अपना कब्ज़ा बरकरार रखने की पूरी कोशिश में है। पिछले उपचुनाव में बीजेपी को अच्छा फीडबैक मिला वहीं उसके सहयोगी दल रालोद को एक सीट मिली। सपा ने करहल और सीसामऊ सीट पर जीत अपने नाम की मगर इन वोटिंग फीसदी की बात करें तो इन दोनों क्षेत्रों में काफी गिरावट आई।
मिल्कीपुर सीट इसलिए भी हॉट सीट की लिस्ट में शामिल है क्योंकि यह अयोध्या लोकसभा क्षेत्र का भाग है जिस पर पिछले आमचुनाव में सामाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने जीत दर्ज की थी. बता दें कि उससे पहले वह मिल्कीपुर विधानसभा सीट से MLA थे. सांसद बनने के बाद उनके इस सीट से इस्तीफा देने के कारण यहां उपचुनाव हो रहा है।
मिल्कीपुर सीट पर जातीय समीकरणों की बात की जाए तो इस सीट पर दलित मतदाताओं की संख्या अधिक है। सीट के 3.5 लाख योग्य मतदाताओं में से 1.2 लाख दलित, लगभग 55,000 यादव (ओबीसी) और 30,000 मुस्लिम हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि जिसे दलितों के साथ-साथ 60,000 ब्राह्मण, 25,000 क्षत्रिय और अन्य पिछड़े वर्ग का समर्थन मिलेगा, वही विजयी होगा. अब देखना होगा कि इस सीट पर सपा का PDA फार्मूला काम करेगा या बीजेपी जातिगत विभाजन को अपने हिस्से में करने में सफलता हासिल करती है।