Advertisement
  • होम
  • टॉप न्यूज़
  • मायावती फिर आकाश आनंद को सौपेंगी बीएसपी की जिम्मेदारी? इस वजह से मिल रहे संकेत

मायावती फिर आकाश आनंद को सौपेंगी बीएसपी की जिम्मेदारी? इस वजह से मिल रहे संकेत

Akash Anand News: लोकसभा चुनाव में BSP को मिली करारी हार के बाद अब मायावती के भतीजे आकाश आनंद की वापसी की मांग तेज हो गई है. सोशल मीडिया पर हैशटैग आकाश आनंद 2 दिन तक ट्रेंड करता दिखाई दिया, बसपा समर्थकों का कहना है कि उन्हें फिर से पार्टी कोऑर्डिनेटर जैसे अहम जिम्मेदारी मिलनी […]

Advertisement
  • June 11, 2024 7:35 am Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

Akash Anand News: लोकसभा चुनाव में BSP को मिली करारी हार के बाद अब मायावती के भतीजे आकाश आनंद की वापसी की मांग तेज हो गई है. सोशल मीडिया पर हैशटैग आकाश आनंद 2 दिन तक ट्रेंड करता दिखाई दिया, बसपा समर्थकों का कहना है कि उन्हें फिर से पार्टी कोऑर्डिनेटर जैसे अहम जिम्मेदारी मिलनी चाहिए. बहुजन समाज वादी पार्टी को मजबत करने के लिए आकाश आनंद की वापसी जरूरी है.लोकसभा चुनाव में BSP ने तीन दशकों से अधिक समय में अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया है. ज्यादातर सीटों पर बसपा तीसरे नंबर की पार्टी बनकर रह गई और उसे सिर्फ 9.39 फीसद ही वोट मिल पाए. BSP का वोटबैंक भी खिसककर इंडिया गठबंधन के साथ चला गया. ऐसे में बसपा के सियासी भविष्य को लेकर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.

आकाश आनंद की वापसी की मांग तेज

आकाश आनंद की वापसी की मांग करते हुए एक USER ने लिखा कि मायावती जी आप किंगमेकर हैं, समाज आपसे दूर क्यों जा रहा है? मुझे बहुत दुख हो रहा है, कृपया फिर बसपा पर ध्यान दें. आप आकाश भाई को आगे क्यों नहीं बढ़ाते? वहीं एक और यूज़र ने आकाश आनंद को आगे बढ़ाने की मांग करते हुए 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी करने की बात कही. BSP का पिछले कुछ चुनावों में लगातार वोट प्रतिशत में गिरावट देखने को मिल रही है. साल 2009 के चुनाव में 27.42% वोट पाने वाली बसपा 2024 में जीरो सीट पर सिमटकर रह गई है. नगीना जैसी पारंपरिक सीट पर भी आजाद समाज पार्टीके नेता चंद्रशेखर आजाद ने बीजेपी, सपा और बसपा को हरा दिया. यहाँ बसपा चौथे नंबर पर रही और बसपा प्रत्याशी को सिर्फ 13,272 वोट ही मिले.मायावती ने आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपना उत्तराधिकारी बनाया था. लोकसभा चुनाव के शुरुआती दो चरणों में आकाश आनंद ने जमकर चुनाव प्रचार किया. उनके आक्रामक अंदाज से युवाओं को प्रभावित किया और पार्टी में एक नया जोश भरने का काम किया. लेकिन उनके एक भाषण पर विवाद होने के बाद 7 मई को मायावती ने उन्हें अपरिपक्व होने का दावा करते हुए राष्ट्रीय समन्वयक और अपने उत्तराधिकारी पद से हटा दिया. इसके बाद आकाश आनंद कही भी चुनाव प्रचार करते हुए नहीं दिखाई दिए.


Advertisement