लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जातीय जनगणना कराने से साफ़ इनकार कर दिया है। इसे लेकर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के विधायकों ने गुरुवार को विधानसभा में सरकार को घेरते हुए जमकर हंगामा किया और धरना-प्रदर्शन किया।
संकीर्णता के शिकार बिहार की तरफ नहीं जाएगा यूपी
विपक्षी नेताओं ने वेल में नारेबाजी कर सरकार पर दलित व पिछड़ा वर्ग विरोधी होने का आरोप लगाया। वहीं सरकार की तरफ से कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने विधानसभा में कहा कि जातीय जनगणना कराना केंद्र सरकार का काम है। यूपी विकास की दृष्टि से बहुत आगे निकल चुका है। उसे अब पिछड़ेपन और संकीर्णता के शिकार बिहार की तरफ नहींं ले जाना चाहिए।
जातीय जनगणना नहीं कराएगी योगी सरकार
सदन में प्रश्नकाल के दौरान सपा विधायक डॉ. संग्राम सिंह यादव ने सरकार से सवाल किया कि क्या सरकार लोकसभा चुनाव से पहले जातीय जनगणना कराएगी? इस सवाल पर सरकार की ओर से लिखित जवाब दिया गया कि नहीं, जातीय जनगणना कराने का प्रश्न ही नहीं उठता।
भाजपा सरकार पिछड़ा और दलित विरोधी
सपा नेता डॉ. संग्राम सिंह ने सरकार पर दलित और पिछड़ा विरोधी होने के आरोप लगाया और कहा कि भाजपा सरकार पिछड़ा और दलित वर्ग की हितैषी होने का झूठा दावा करती है। लेकिन, हकीकत में एक फीसदी आबादी प्रदेश के 40 प्रतिशत संसाधन का उपभोग करती है। जबकि 50 प्रतिशत आबादी सिर्फ 3 फीसदी संसाधन का।
अनुच्छेद 246 के तहत जनगणना करना केंद्र का काम
इसका जवाब देते हुए राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 246 के तहत जनगणना केंद्र सरकार की ओर से कराई जाती है। इसके लिए केंद्र ने अधिनियम और नियमावली भी बनाई है। कृषि मंत्री ने आगे कहा कि अब यूपी बहुत आगे निकल गया है। उसे बिहार की तरह पीछे नहीं ले जा सकते है। बिहार में अराजकता और भ्रष्टाचार है, जबकि योगी सरकार यूपी को उत्तम प्रदेश बना रही है। इसलिए हम यूपी को बिहार की तरह पिछड़ेपन की ओर नहीं ले जा सकते।