लखनऊ। यूपी के शामली में स्थित एक प्राइवेट स्कूल में मुस्लिम बच्चे की अन्य छात्रों से कथित पिटाई करवाने के मामले को संज्ञान में लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि यदि आरोप सही हैं तो फिर इस घटना से सरकार की अंतरात्मा हिल जानी चाहिए।
मुस्लिम बच्चे को पिटवाने का आरोप
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को एक बार फिर फटकार लगाई है. बता दें, इस मामले मे आरोप है कि शामली के निजी विद्यालय की प्रिंसिपल तृप्ता त्यागी ने एक मुस्लिम बच्चे को अन्य छात्रों से पिटवाया था. इसके अलावा उसे लेकर सांप्रदायिक टिप्पणियां भी की थीं. जब बच्चे ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी तो उसके परिजन और अन्य लोगों ने इस मामले को जमकर बवाल किया था. बवाल करने के दौरान स्कूल की प्रिंसिपल और बच्चे के परिजनों के बीच समझौता करने की बात सामने आई थी।
यूपी सरकार ने इस मामले में क्या किया – SC
जब यह मामला देश के उच्चतम न्यायालय में पहुंचा तो अदालत ने इस मसले को चिंताजनक और गंभीर बताते हुए कहा कि जांच की नगरानी के लिए एक सीनियर आईपीएस अधिकारी को तैनात किया जाना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि यह जीवन के अधिकार से जुड़ा हुआ मामला है. साथ ही न्यायालय ने यूपी सरकार से जवाब भी मांगा है. कोर्ट का कहना है कि इस घटना में शामिल हो रहे बच्चों की काउंसिलिंग के लिए सरकार ने क्या किया है. कोर्ट ने मुजफ्फनगर पुलिस के ऊपर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में जो बच्चे के पिता ने आरोप लगाए थे, वे तो इसका हिस्सा ही नहीं है।
अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को…..
कोर्ट ने कहा कि बच्चे के पिता ने दावा किया था कि उनके बच्चे को उसके मजहब के कारण पीटा गया था. जो कि पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में इस तरह की कोई बात शामिल ही नहीं है. न्यायालय ने कहा कि इस मामले में उसका उल्लंघन किया गया है. यूपी सरकार ने इस मामले को लेकर कहा था कि यह घटना सांप्रदायिक नहीं थी, लेकिन इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है. इस मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को है. जबकि कोर्ट ने पिछले 6 सितंबर को यूपी सरकार से नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था. अदालत ने इस केस में सरकार से पूछा था कि आखिर मामले में उत्तर प्रदेश द्वारा क्या एक्शन लिया गया है. बच्चे के परिवार के संरक्षण के लिए अभी तक क्या-क्या किया गया है।