लखनऊ : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय को विधानसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया है। बता दें कि ऐसा लग रहा था कि अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल यादव को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करेंगे। लेकिन उन्होंने माता प्रसाद का नाम का ऐलान करके एक बार फिर से सबको चौंका दिया है।
काफी दिनों से थी नामों को लेकर चर्चा
बता दें कि अखिलेश यादव के एमपी बनने के बाद यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेताओं के नामों पर खूब चर्चा हो रही थी। लोगों ने मान लिया था कि अखिलेश यादव की जगह अब यूपी विधानसभा में सिर्फ शिवपाल यादव ही इस पद के लिए नियुक्त किए जाएंगे। लेकिन अखिलेश यादव ने माता प्रसाद को विपक्ष का नेता बनाकर सबको चौंका दिया है।
इन्हें भी मिली जिम्मेदारी
वहीं महबूब अली अधिष्ठाता मंडल, कमल अख्तर मुख्य सचेतक, राकेश कुमार उर्फ आर के वर्मा उप सचेतक नियुक्त किया गया है। बता दें कि सपा ने पीडीए के बाद ब्राह्मण चेहरे को साधने की रणनीति अपनाई है। नेता प्रतिपक्ष चुने गए माता प्रसाद फार्मर स्पीकर भी रह चुके हैं। यूपी विधानसभा के दो बार अध्यक्ष भी रहे चुके है। मौजूदा में सिद्धार्थ नगर की इटावा विधानसभा से माता प्रसाद पांडे विधायक हैं। कल यानी सोमवार से नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर माता प्रसाद पांडे बैठेंगे।
माता प्रसाद पांडे का राजनीतिक इतिहास
माता प्रसाद पांडेय सिद्धार्थ नगर के इटवा विधानसभा से विधायक है। 1980, 1985, 1989, 2002, 2007, 2012 और 2022 में विधानसभा के निर्वाचित सदस्य भी रह चुके है। वो समाज के गरीब और वंचित लोगों के कल्याण के लिए कई राजनीतिक आंदोलनों में शामिल में हुए हैं। इस कारण से उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था।
दो बार अध्यक्ष भी चुने गए
वह उत्तर प्रदेश विधानसभा की आश्वासन समिति, संसदीय शोध, संदर्भ एवं अध्ययन समिति, नियम समिति, याचिका समिति, कार्य मंत्रणा समिति, प्रत्यायोजित विधान समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति, विशेषाधिकार समिति तथा लोक लेखा समिति के सदस्य रहे हैं। 1991 में स्वास्थ्य मंत्री तथा 2003 में श्रम एवं रोजगार मंत्री के पद पर भी कार्यरत रह चुके हैं। वो उत्तर प्रदेश विधान सभा 26.07.2004 से 18.05.2007 के बीच अध्यक्ष भी रह चुके हैं।