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यूपी: OBC आयोग ने मौजूदा कानूनों में की बदलाव की सिफारिश, आरक्षण में होगा बड़ा उलटफेर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शहरी निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर ओबीसी आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। अब इस रिपोर्ट के आधार पर ही नए सिरे से निकाय चुनाव के लिए सीटों का निर्धारण किया जाएगा। सीएम योगी की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस रिपोर्ट को मंजूरी मिल […]

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  • March 10, 2023 7:35 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शहरी निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर ओबीसी आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। अब इस रिपोर्ट के आधार पर ही नए सिरे से निकाय चुनाव के लिए सीटों का निर्धारण किया जाएगा। सीएम योगी की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस रिपोर्ट को मंजूरी मिल जायेगी।

अनारक्षित सीटें पर होगा OBC का कब्ज़ा?

बताया जा रहा है कि आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सीटों के आरक्षण में बड़ा उलटफेर देखने को मिलेगा। नगर विकास विभाग ट्रिपल टेस्ट के आधार पर मेयर और अध्यक्ष पद के लिए नए सिरे से आरक्षण तय करेगा। इससे कई अनारक्षित सीटें ओबीसी के खाते में जा सकती हैं।

जानिए पूरा मामला

बता दें कि यूपी निकाय चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी की गई थी। इस पर बहुत लोगों ने आपत्ति जताते हुए अदालत में याचिका दायर की थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया था कि बिना आरक्षण के ही चुनाव होंगे। इसके बाद विपक्षी दलों ने योगी सरकार को ओबीसी विरोधी बताते हुए निशाना साधना शुरू कर दिया था। जिसके बाद यूपी सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि ओबीसी आयोग का गठन करके 31 मार्च 2023 तक जिलों का सर्वें कराकर रिपोर्ट तैयार कराया जाए। योगी सरकार ने दिसंबर 2022 को हाईकोर्ट के जस्टिस रह चुके राम औतार सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यीय ओबीसी आयोग का गठन किया था।

22 दिन पहले ही बनकर तैयार

बता दें कि 350 पेज की इस रिपोर्ट को 2 महीने 10 दिन में तैयार किया गया है। इस रिपोर्ट को तय समय सीमा से 22 दिन पहले ही तैयार कर लिया गया है।


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