Friday, November 8, 2024

UP News : सीएम योगी पहुंचे गोरखपुर चिड़ियाघर, बब्बर शेर की जोड़ी को कहा – चलो जाओ अंदर, भालू को खिलाया बर्फ का गोला

लखनऊ : प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने आज शनिवार, 15 जून को शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान गोरखपुर स्थित चिड़ियाघर में पहुंचे, जहां उन्होंने बब्बर शेर भरत और शेरनी गौरी को बाड़े में भेजा। बता दें कि इन दोनों शेर और शेरनी को मई महीने के अंतिम सप्ताह में इटावा लायन सफारी से गोरखपुर चिड़ियाघर में शिफ्ट कराया गया था।

दर्शक करेंगे बब्बर शेर की जोड़ी का दीदार

सीएम योगी ने दोनों शेर व शेरनी को चिड़ियाघर के बाड़े में छोड़ा है। इसके बाद से अब चिड़ियाघर पहुंचने वाले दर्शक बब्बर शेर की इस जोड़ी का दीदार कर पाएंगे। इसके पहले दो जून को भी सीएम योगी आदित्यनाथ चिड़ियाघर का भ्रमण करने पहुंचे थे, उस दौरान सीएम योगी बब्बर शेर पांच साल के भरत व शेरनी गौरी को देखने के साथ उनके बारे में बात भी की थी।

जीव जंतुओं से अधिक लगाव

यू कहे तो सबके प्रेमी कहे जाने वाले सीएम योगी को जीव जंतुओं से अधिक लगाव है. इसके साथ सीएम योगी को गोरखपुर चिड़ियाघर से भी बहुत प्यार है। बता दें कि जब भी उन्हें मौका मिलता है, वह यहां वन्यजीवों को देखने और उनके देखभाल की जानकारी लेने पहुंच जाते हैं। आज शनिवार को सीएम योगी बब्बर शेर की जोड़ी भरत और गौरी को चिड़ियाघर में छोड़ने पहुंचे थे। वहीं सीएम योगी के साथ वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण सक्सेना भी मौजूद थे।

चलो जाओ, बब्बर शेर दौड़ते हुए बाड़े में चला गया

सबसे रोचक बात है कि जब सीएम ने क्रॉल का गेट खोलकर यह कहा कि चलो जाओ, बब्बर शेर दौड़ते हुए बाड़े में चला गया। सीएम योगी ने यहां चिड़ियाघर के निदेशक एवं डीएफओ विकास यादव से दोनों शेरों के बारे में सारी जानकारियां इकट्ठा किए। इस दौरान उन्होंने शेर के बाड़े के नजदीक हरिशंकरी पौधे का रोपण भी किया। साथ ही ऐसा कर उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। इस दौरान बाड़े में गर्मी से परेशान भालू को उन्होंने आइसक्रीम, बर्फ का गोला और शहद खिलाया।

बच्चों से मुलाकात कर दिया चॉकलेट

चिड़ियाघर का भ्रमण करते हुए सीएम योगी ने यहां आए स्कूली बच्चों से भी मुलाकात की। उन्होंने बच्चों से बातचीत की साथ ही उन्हें आशीर्वाद भी दिया। इस दौरान उन्हें चॉकलेट भी गिफ्ट किए। साथ ही बच्चों को कूड़ा इधर उधर न फेकने के लिए कहा, कूड़ा के लिए डस्टबिन इस्तेमाल करने के लिए कहा। इस कड़ी में उन्होंने लखीमपुर के जंगल से रेस्क्यू कर लाए गए बाघ का नामकरण भी किया। बाघ का नाम उन्होंने शक्ति रखा।

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