लखनऊ। उमेश पाल अपहरण मामले में आज प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद, उसके करीबी शौलत हनीफ और दिनेश पासी को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। जिला न्यायालय की एमपी एमएलए विशेष न्यायाधीश डॉक्टर दिनेश चंद्र शुक्ला ने तीनों को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा दी […]
लखनऊ। उमेश पाल अपहरण मामले में आज प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद, उसके करीबी शौलत हनीफ और दिनेश पासी को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। जिला न्यायालय की एमपी एमएलए विशेष न्यायाधीश डॉक्टर दिनेश चंद्र शुक्ला ने तीनों को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा दी है। जबकि बाकी सभी सात आरोपियों को इस मामले में दोषमुक्त कर दिया है। अतीक का भाई अशरफ अहमद भी मामले में बरी कर दिया गया है।
25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की सरेआम गोलियों से छलनी करके हत्या कर दी गई थी। उस समय राजू पाल, उनकी पत्नी पूजा पाल और उमेश पाल BSP में थे। जबकि अतीक अहमद सपा में था। अतीक इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक था लेकिन साल 2004 में फूलपुर लोकसभा सीट को जीतकर सांसद बन गया। जिसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गया। इस सीट पर उपचुनाव कराया गया, जिसमें सपा से अतीक के भाई अशरफ और बसपा से राजू पाल को चुनावी मैदान में उतारा गया। राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को हरा दिया और विधायक बन गया। अतीक और उसका परिवार इस हार का अपमान नहीं बर्दाश्त कर पाए और 25 जनवरी 2005 को राजू पाल की हत्या कर दी। 28 फरवरी 2006 उमेश पाल का अपहरण हो गया, जिसका आरोप अतीक और उसके साथियों पर लगा।
1 साल बाद 5 जुलाई 2007 को उमेश ने पुलिस ने जाकर अतीक, अशरफ और 4 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्रथिमिकी दर्ज कराई थी। उमेश पाल ने माफिया अतीक पर आरोप लगाया कि उसके ऊपर दबाव बनाया गया कि वो गवाही से पीछे हट जाए लेकिन जब उसने झुकने से इंकार कर दिया तो अतीक और उसके गैंग ने बंदूक के दम पर अपहरण कर लिया।
इस केस में अतीक के अलावा अशरफ, अंसार, दिनेश पासी, खान सौलत हनीफ, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान, आशिक मल्ली और एजाज अख्तर आरोपी हैं। इसमें से एक आरोपी अंसार अहमद की मृत्यु हो चुकी है। वहीं अतीक अहमद, अशरफ और फरहान जेल में है और बाकी अन्य आरोपी जमानत पर हैं।
बता दें कि अतीक अहमद के खिलाफ 1985 से अबतक विभिन्न थानें में 101 मुकदमें दर्ज हैं। अतीक पर हत्या और अपहरण जैसे संगीन मुकदमें भी दर्ज हैं। जिसकी जांच पुलिस के अलावा CBCID और CBI भी कर चुकी है। बीते 4 दशक में अतीक अहमद को कोई भी एजेंसी अभी तक सजा नहीं दिला पाई है। CBI कोर्ट से अतीक मर्डर केस में बरी हो चुका है। अतीक के करीबियों के मुताबिक बिहार में दर्ज अपहरण और हत्या मामले में भी उसे क्लीनचिट मिल चुकी है।