लखनऊ। कानपुर देहात में हुए अग्निकांड ने सबको झकझोर कर रख दिया है। घटना से संबंधित कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है। वहीं दूसरी तरफ परिजनों ने अधिकारियों के समझाने के बाद भी शवों को नहीं उठने दिया। जिसके बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने पीड़ित परिवार से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की। जिसके बाद वो लोग शव उठाने के लिए राजी हो गए है। बताया जा रहा है कि शवों को फॉरेंसिक टीम ने उठाया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की वीडियो भी बनाई जायेगी। दूसरी तरफ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने पीड़ित परिवार को मदद का भरोसा दिलाया हैं।
ये था पूरा मामला
कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में जमीन से कब्जा हटाने आई पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम के सामने ही मां और बेटी ने आग लगा ली। जिसमें मां-बेटी के अलावा 22 बकरियां भी जलकर मर गई। हालांकि दोनों को गृह स्वामी और रुरा इंस्पेक्टर ने बचाने की कोशिश लेकिन बचा नहीं पाए। मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस प्रशासन पर आग लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। इस मामले में पीड़ित परिवार ने भी प्रशासन को आरोपी बताते हुए कहा है कि उन्होंने झोपड़ी में आग लगा दी।
विपक्ष हुआ हमलावर
दिल दहला देने वाली इस घटना को लेकर लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है। सीएम योगी ने एक्शन लेते हुए एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद एवं लेखपाल अशोक सिंह को निलंबित कर दिया हैं।
शिवपाल यादव ने साधा निशाना
वहीं इस मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट कर सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि कानपुर में अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासन के सामने ही मां-बेटी ने आग लगाकर जान दे दी और पुलिस तमाशा देखती रही। अतिक्रमण हटाने व बुलडोजर के जोश में प्रशासन आखिर अपना होश क्यों खो रहा है। क्या ‘ महिला सशक्तिकरण’ व ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की बात केवल कागजी नीति है?