लखनऊ। 17 फरवरी को आयोजित उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले का खुलासा हो गया है। STF की जांच में पता चला है कि इसके पेपर गुजरात के अहमदाबाद में छपे थे। इसके बाद पेपर यूपी भेजने के लिए सील्ड बॉक्स को अहमदाबाद की ट्रांसपोर्ट कंपनी में भेजा गया। जहां पर कर्मचारियों ने इस पेपर को लीक कर दिया। ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारियों ने सील्ड बॉक्स को तोड़कर पेपर का फोटो लिया और उसे खींचकर नकल माफियाओं को भेज दिया।
मास्टरमाइंड गिरफ्तार
इस मामले में एसटीएफ ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के 2 कर्मचारियों सहित 3 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है। साथ ही पटना के डॉक्टर को भी हिरासत में लिया है। यूपी एसटीएफ ने इस घटना के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल मिश्रा समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। RO-ARO पेपर लीक में भी राजीव नयन मिश्रा का हाथ था। इस मामले में अब तक 396 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
साढ़े 5 लाख रुपए में आउट हुए पेपर
प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने जानकरी दी कि उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती पेपर की छपाई अहमदाबाद की एडुटेस्ट सोल्यूशन प्रेस में कराई गई थी। पेपर को यूपी भेजने की जिम्मेदारी ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी TCI को दी गई थी। इसमें काम करने वाले शिवम गिरी और रोहित पांडेय ने नकल माफियाओं को पेपर का फोटो भेजा। उसी कंपनी में काम कर चुका प्रयागराज का रहने वाला अभिषेक नक़ल माफियाओं के गैंग में शामिल था। शिवम और रोहित को पेपर आउट करने के बदले में साढ़े 5 लाख रुपए मिले थे। सभी को STF ने गिरफ्तार कर लिया है।