लखनऊ : सपा के मुखिया और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने 18वीं लोकसभा के लिए आज मंगलवार को अपना दूसरा संबोधन किया. इस कड़ी में उन्होंने भाजपा के 400 पार नारे पर जमकर निशाना साधा हैं। सांसद अखिलेश ने कहा कि जनता कह रही है कि यह चलने नहीं गिरने वाली सरकार है. इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि आमचुनाव में इंडिया गठबंधन की नैतिक जीत हुई है. यह नतीजे हमारे लिए जिम्मेदारी भरा पैगाम भी है. 4 जून 2024 का दिन देश के लिए सांप्रदायिक राजनीति से आजादी का दिन था.
जनता को धन्यवाद देता हूं
सदन में आज दूसरे संबोधन में अखिलेश ने कहा कि आमचुनाव के समय भाजपा ने कहा 400 पार, मैं समझदार जनता को फिर एक बार धन्यवाद दूंगा. इस दौरान उन्होंने एक शेर पढ़ते हुए कहा कि – मैं कहना चाहता हूं कि ‘आवाम ने तोड़ दिया हुकूमत का गुरूर. दरबार तो लगा है, लेकिन गमगीन हैं सब दरबार लगा है लेकिन बेनूर है.’
अधर में है जो अटकी हुई, वो तो कोई सरकार नहीं
सपा नेता ने आगे कहा कि पहली बार ऐसा लग रहा है कि हारी हुई सरकार विराजमान है. जनता कह रही है कि सरकार चलने वाली नहीं है. ये गिरने वाली सरकार है. सदन में आज अखिलेश ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं, नीचे कोई आधार नहीं, अधर में है जो अटकी हुई. वो तो कोई सरकार नहीं.
4 जून 2024 का दिन सांप्रदायिक राजनीति के अंत का दिन
सपा सांसद ने अपने संबोधन में आगे कहा कि पूरा इंडिया समझ गया है कि इंडिया ही प्रो इंडिया है. लोकसभा चुनाव में इंडिया की नैतिक जीत हुई है. ये पीडीए, इंडिया की सकारात्मक जीत है. ये सोशल जस्टिस मुहीम की विक्ट्री है. ये हम इंडिया वालों के लिए जिम्मेदारी भरा पैगाम भी है. सपा नेता ने आगे कहा कि 4 जून 2024 का दिन देश में सांप्रदायिक राजनीति के अंत का दिन है. साथ ही सामूदायिक राजनीति की शुरुआत हुई है. इस चुनाव में सांप्रदायिक राजनीति हमेशा के लिए हार गई है.
EVM पर बोलते हुए कहा
आज सदन में अखिलेश यादव ने EVM पर भी बोलते हुए दिखे। उन्होंने EVM को लेकर कहा EVM पर मुझे कल भी भरोसा नहीं था और आज भी नहीं है, मैं 80/80 सीटें जीत जाऊंगा तब भी भरोसा नहीं है. EVM का मुद्दा खत्म नहीं हुआ है।
पेपर लीक क्यों हो रहे हैं?
लोकसभा में बोलते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने पेपर लीक मुद्दे पर कहा… “पेपर लीक क्यों हो रहे हैं? सच्चाई तो यह है कि सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि उसे युवाओं को नौकरी न देनी पड़े।”