Saturday, December 21, 2024

डॉक्टर की सबसे बड़ी पूंजी है उसकी संवेदना…KGMU के स्थापना दिवस में क्यों बोले सीएम योगी ऐसा

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज शनिवार को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), लखनऊ के 120वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के प्रतिभावान विद्यार्थियों एवं चिकित्सकों को सम्मानित किया तथा संस्थान द्वारा तैयार की गयी मैनुअल बुक का विमोचन भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा, कोई व्यक्ति हो या संगठन उसकी पहचान संकट के समय ही होती है. समय हर किसी को मिलता है, कुछ का बर्बाद हो जाता है और कुछ का बेहतर हो जाता है।

केजीएमयू के छात्रों की तारीफ में बोले

मुख्यमंत्री ने कहा, केजीएमयू से स्नातक करने वाले छात्रों ने समाज को गौरवान्वित किया है। समय किसी का इंतजार नहीं करता है। 1905 में जब इसकी स्थापना हुई तो इसकी शुरुआत 10 लाख रुपये से की गई थी. कहा कि आज इसका दायरा 150 एकड़ क्षेत्रफल होने जा रहा है। देश में बहुत कम संस्थानों में इतनी सीटें हैं।

कोरोना समय का जिक्र

आगे कहा इसके साथ ही हमें संस्था और अपना गौरव भी बढ़ाना है। ध्यान रखें कि कोई भी मरीज निराश न हो। साथ ही कहा, सरकार ने सबकुछ दिया है. आज ही नहीं, अगले 100 वर्षों की कार्ययोजना हमने देखी है। सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान केजीएमयू ने मिसाल कायम की है. एक मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों ने खुद को क्वारंटाइन कर लिया. लेकिन, टेस्ट नेगेटिव पाया गया. जिसके बाद मैंने उन्हें निलंबित कर दिया था.

बीमारी चली जाती है लेकिन व्यवहार याद रहता है

उन्होंने कहा, डॉक्टरों की सबसे बड़ी संपत्ति उनकी करुणा है। अगर डॉक्टर का व्यवहार इस धारणा के साथ ठीक रहेगा कि सभी स्वस्थ होंगे तो बाकी स्टाफ का व्यवहार भी ठीक रहेगा। रोग तो चला जाता है, पर आचरण बना रहता है। कहा कि सेवा और शिक्षा दोनों क्षेत्रों में मानक तय किये जाने चाहिए। अगले तीन और पांच वर्षों के लिए लक्ष्य निर्धारित करें।

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