लखनऊ: ज्ञानवापी मामले को लेकर हिंदू पक्ष की याचिका शुक्रवार को वाराणसी कोर्ट में खारिज कर दी गई. इस मामले पर जब जगद्गुरु रामभद्राचार्य से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हम इसे लेकर हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और कोर्ट हमारे पक्ष में फैसला देगा.’
‘हम सुप्रीम कोर्ट का लेंगे सहारा”
ज्ञानवापी मामले पर मीडिया से बात करते हुए रामभद्राचार्य ने कहा, ‘हम हाईकोर्ट जाएंगे, फिर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट हमारे अनुकूल फैसले देंगे. सनातन बोर्ड बनाने की मांग पर उन्होंने कहा कि हिंदू मंदिरों का अधिग्रहण नहीं किया जाना चाहिए. उसके लिए हम सरकार से अनुरोध करेंगे.
हिंदू पक्ष द्वारा की गई याचिका खारिज
ज्ञानवापी मामले में वाराणसी कोर्ट ने शुक्रवार को हिंदू पक्ष की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पूरे परिसर का एएसआई सर्वे कराने की मांग की गई थी. हिंदू पक्षकार विजय शंकर रस्तोगी ने अपनी याचिका में दलील देते हुए कहा था कि मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे 100 फीट का शिवलिंग है, जिसका पेनिट्रेटिंग रडार से पुरातात्विक सर्वेक्षण करवाया जाएं।
वजूखाना का भी सर्वेक्षण जरुरी
उन्होंने यह भी मांग की थी कि वजूखाना का भी सर्वेक्षण कराया जाए जो कि पिछले अध्ययन सर्वेक्षण में नहीं किया गया था. इसके अलावा बचे हुए बेसमेंट का भी सर्वे किया जाना चाहिए. हिंदू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि हम वकील के आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती देंगे.
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की मांग
उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के आदेश की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं. इसका पूरा रिसर्च करने के बाद हम उच्च न्यायालय जाएंगे। इससे पहले विजय शंकर रस्तोगी ने अपनी दलील में कोर्ट के सामने सफाई दी कि पिछला ASI सर्वे अधूरा था.
जिस जगह पर शिवलिंग है वहां सर्वे नहीं हुआ
उन्होंने दावा किया कि जिस क्षेत्र में हिंदू पक्ष द्वारा शिवलिंग का दावा किया जा रहा है, वहां पिछली बार सर्वेक्षण नहीं किया गया था और इसलिए पूरे ज्ञानवापी परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा सर्वेक्षण किए जाने की आवश्यकता है।