Thursday, November 21, 2024

अमेरिका में राहुल गांधी के बयान पर भारत में सियासी संग्राम शुरू, मायावती ने कहा “कांग्रेस आरक्षण खत्म कर देगी”

लखनऊ : अमेरिका में लोकसभा नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर अब भारत की राजनीतिक गलियारों में संग्राम शुरू हो गया है। भाजपा के दिग्गज नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है। आरक्षण पर की गई राहुल गांधी की टिप्पणी पर अब बसपा मुखिया मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला है।

कांग्रेस सत्ता में रहते हुए आरक्षण को लागू नहीं किया

बसपा मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिख, “केन्द्र में काफी लम्बे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और ना ही देश में जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी।”

भारत जब बेहत्तर स्थिति में होगा तो हम आरक्षण खत्म कर देंगे

मायवती ने आगे लिखा, “अब कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा श्री राहुल गांधी के इस नाटक से भी सर्तक रहें जिसमें उन्होंने विदेश में यह कहा है कि भारत जब बेहत्तर स्थिति में होगा तो हम SC, ST, OBC का आरक्षण खत्म कर देंगे। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस वर्षों से इनके आरक्षण को खत्म करने के षडयंत्र में लगी है।”

राहुल गांधी के दिए गए बयान से सावधान रहें

बसपा चीफ ने लिखा, “इन वर्गों के लोग कांग्रेसी नेता श्री राहुल गांधी के दिए गए इस घातक बयान से सावधान रहें, क्योंकि यह पार्टी केन्द्र की सत्ता में आते ही, अपने इस बयान की आड़ में इनका आरक्षण जरूर खत्म कर देगी। ये लोग संविधान व आरक्षण बचाने का नाटक करने वाली इस पार्टी से जरूर सजग रहें।”

कांग्रेस की सोच आरक्षण -विरोधी

बसपा नेता मायावती ने लिखा, “जबकि सच्चाई में कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण-विरोधी सोच की रही है। केन्द्र में रही इनकी सरकार में जब इनका आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया गया तब इस पार्टी से इनको इन्साफ ना मिलने की वजह से ही बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। लोग सावधन रहें।”

जातिवाद को लेकर बोला हमला

उन्होंने आगे लिखा, “कुल मिलाकर, जब तक देश में जातिवाद जड़ से खत्म नहीं हो जाता है तब तक भारत की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर होने के बावजूद भी इन वर्गों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत बेहतर होने वाली नहीं है। अतः जातिवाद के समूल नष्ट होने तक आरक्षण की सही संवैधानिक व्यवस्था जारी रहना जरूरी।”

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