Monday, October 28, 2024

मुनव्वर राणा का विवादों से रहा पुराना नाता, जानिए मशहूर शायर कब-कब सुर्खियों में रहे

लखनऊ। मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार (14 जनवरी) को निधन हो गया है। रविवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। वह पिछले कई दिनों से लखनऊ के PGI में भर्ती थे. उन्हें हृदय रोग व किडनी से संबंधित समस्या थी. उनका विवादों से पुराना नाता रहा।

वापस कर दिया था अवॉर्ड

बता दें, मुनव्वर राणा मशहुर शायर थे जिन्होंने अपनी शायरी से लोगों के दिलों में अलग जगह बनाई। मां पर कई रचनाएं लिखने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राणा को साल 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हालांकि, असहिष्णुता बढ़ने का आरोप लगाते हुए साल 2015 में इस अवॉर्ड को वापस कर दिया था.

हत्या में दिया था विवादित बयान

कार्टून विवाद को लेकर फ्रांस में स्कूल टीचर की गला रेतकर हत्या करने की घटना को राणा ने जायज ठहराया था। राणा ने कहा था कि अगर मां के जैसा मजहब है, अगर कोई आपकी मां का, या मजहब का बुरा कार्टून बनाता है या गाली देता है तो वो गुस्से में ऐसा करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों को चिढ़ाने के लिए ऐसा कार्टून बनाया गया। किसी को इतना मजबूर नहीं करना चाहिए कि वो किसी की हत्या करने पर मजबूर हो जाए।

मंजर भोपाली ने दिया था अपने घर रहने का न्योता

यूपी विधानसभा चुनाव-2022 के ऐलान के बाद शायर मुनव्वर राणा ने कहा था कि अगर योगी आदित्यनाथ दोबारा सीएम बनते हैं तो वे यूपी छोड़ देंगे. इसके बाद मशहूर शायर मंजर भोपाली ने मुनव्वर राणा को एमपी आने का न्योता दिया था. भोपाली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था कि मुनव्वर भाई आपके लिए भोपाल में घर हाजिर है, लेकिन कम ही बोलिए ज्यादा बोलना आपके लिए नुकसानदायक साबित हुआ।

जस्टिस रंजन गोगोई पर उठाया था सवाल

राम मंदिर पर फैसला आने के बाद मुनव्वर राणा ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर सवाल खड़ा कर दिया था। मुनव्वर राणा का कहना था कि इस मामले में कहीं न कहीं फैसला हिंदुओं के पक्ष में लिया गया हैं।

याद आएगी मां की कविता

बता दें, जब-जब मां पर कोई कविता कही जाएगी तो मुनव्वर राना की शायरी लोगों को जरूर याद आएगी। वह कहते थे- उदास रहने को अच्छा नहीं बताता है, कोई भी जहर को मीठा नहीं बताता है कल अपने आपको देखा था मां की आंखों में, ये आईना हमें बूढ़ा नहीं बताता है
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सब से छोटा था मिरे हिस्से में माँ आई
मुनव्वर राना देश और विदेशों में आयोजित मुशायरों में शिरकत करते थे और अपने खनकती और बुलंद आवाज में महफिल में जान डाल देते थे, लेकिन मां को बयां करती उनकी पंक्तियां लोगों की आंखें भिगा देती थीं।

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