Sunday, November 10, 2024

Mahashivratri 2024: शिव-पार्वती को मदुरै से आए जोड़े में होगी सजावट, काशी विश्वनाथ का गर्भगृह बनेगा मंडप

लखनऊ। देशभर में महाशिवरात्रि का पर्व आज यानी 8 मार्च को धूमधाम से मनाया जा रहा है। ऐसे में आज काशी विश्वनाथ मंदिर का गर्भगृह मंडप बनेगा तो पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी का आवास जलवासा। आज का दिन भगवान शिव और मां गौरी के विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

कई दिनों से हैं शुरू है रस्म

बता दें कि भगवन भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह से जुड़ी तमाम रस्में पिछले कई दिनों से शुरू है। ऐसे में आज यानी 8 मार्च को शिव और पार्वती के विवाह के रूप में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता हैं। ऐसे में हल्दी की रस्म के साथ भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह का कार्य शुरू किया गया हैं। शुक्रवार यानी आज शहर के सभी शिव मंदिरों में शिव विवाह के अनुष्ठान किए जाएंगे।

रात भर होगी चार पहर की पूजा

शुक्रवार यानी आज रात 9 बजे के बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में शिव विवाह के अनुष्ठान के कार्य शुरू हो जाएंगे। बता दें कि सप्तर्षि आरती एवं मंत्रों से विवाह के लोकाचार संपन्न होंगे। आज रात भर चार पहर की आरती के साथ-साथ विवाह के उत्सव भोर तक विधिपूर्वक चलेंगे। इसके साथ भोले बाबा की चल रजत प्रतिमा को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।

मंदिर के स्थापना काल से यह परंपरा है जारी

पूर्व महंत के आवास पर शिव वैवाहिक कर्मकांड आयोजन की गई है। ऐसे में बाबा विश्वनाथ और गौरा की चल प्रतिमा के लिए मदुरै से वस्त्र मंगवाए गए हैं। बता दें कि विवाह का जोड़ा बृहस्पतिवार को काशी में लाया गया है। इसके साथ भोलेनाथ की शादी के लिए अयोध्या से हल्दी भेजी गई है। खास बात है कि एक तरफ काशी विश्वनाथ मंदिर में भोलेनाथ का विवाह होता है और ठीक वक्त पूर्व महंत के निवास पर भी विवाह के विधान पूर्ण होते हैं। यह परंपरा विश्वनाथ मंदिर के स्थापना काल से आज तक चलती आ रही है।

इसे जरुर चढ़ाएं

महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को तिल, धतूरा, बेलपत्र, आंकड़े की माला, सफेद और नीले फूल, भांग, दूध, शहद, गंगाजल, मौसमी फल, बेर समेत अन्य चीज भी भगवान भोलेनाथ को समर्पित करें, ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ अति प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त को ढ़ेर सारा आशीर्वाद भी देते हैं।

आज रुद्राभिषेक का विशेष महत्व

महाशिवरात्रि पर शिव जी और मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए दूध, दही, शहद, शक्कर आदि से पूजा का आरंभ करें। इस दिन पर भोलेनाथ को जलाभिषेक करने का एक अलग ही परंपरा है। इस शुभ अवसर पर रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। ऐसे में शिव भक्त को महाशिवरात्रि पर्व का इंतजार हमेशा लगा रहता है।

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