लखनऊ। मधुमिता शुक्ला हत्याकांड मामले में प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी एवं उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस […]
लखनऊ। मधुमिता शुक्ला हत्याकांड मामले में प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी एवं उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस पूरे मामले में 8 सप्ताह में जवाब मांगा है। बता दें कि मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने SC में याचिका दायर करते हुए कहा कि झूठ बोलकर और गुमराह कर रिहाई कराई जा रही।
वहीं SC द्वारा रिहाई पर रोक नहीं लगाने के फैसले पर निधि शुक्ला ने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। राज्यपाल को इस मामले में कदम उठाते हुए रिहाई पर रोक लगानी चाहिए। मुझे डर है कि अमरमणि मेरी भी हत्या करा सकता है। वहीं मधुमिता शुक्ला के भाई विजय ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि रातों-रात आए फैसले से हम लोग हैरान हैं। इसके लिए हमने लंबी लड़ाई लड़ी है और अब ऐसे फैसले से आहत है। उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया कि इस मामले में फिर से विचार किया जाए।
9 मई 2003 को लखनऊ के निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। मशहूर कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड ने उस समय की यूपी की तत्कालीन बसपा सरकार को हिला दिया था। बताया जाता है कि जांच के दौरान मधुमति शुक्ला और अमरमणि त्रिपाठी के बीच प्रेम-प्रसंग का मामला निकल कर सामने आया था। उस समय अमरमणि त्रिपाठी बसपा के कद्दावर नेताओं में शुमार थे। देहरादून की फास्ट ट्रैक अदालत ने 24 अक्टूबर 2007 को अमरमणि, उनकी पत्नी मधुमणि, भतीजा रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को दोषी करार ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।