लखनऊ। श्री राम जन्मभूमि के राम मंदिर में प्रतिदिन रामलला को लगने वाले भोग और प्रसाद में किसी तरह के मिलावट की शंका नहीं रहती, क्योंकि भोग मंदिर की रसोई में रसोइयों द्वारा तैयार किया जाता है। श्रद्धालुओं को मंदिर के अंदर किसी तरह का बाहरी प्रसाद ले जाने की अनुमति नहीं होती है।
प्रसाद मुफ्त में बांटा जाता है
मंदिर प्रबंधन की ओर प्रसाद का मुफ्त में वितरण किया जाता है। प्रसाद चीनी और इलायची के दाने का मिलाकर तैयार किया जाता है। इलायची दाने के पैकेट प्रतिदिन श्रद्धालुओं को बांटे जाते हैं। जो पूरी तरह से मिलावट मुक्त हैं। मंदिर ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रामलला को जो प्रसाद चढ़ता है, वह पेड़े और मेवे से तैयार किया जाता है। जिसे अयोध्या की प्रसिद्ध दुकानों से पूरी शुद्धता के साथ बनवा कर खरीदा जाता है, लेकिन पेड़े का प्रसाद श्रद्धालुओं में नहीं बांटा जाता है।
हनुमान गढ़ी के लड्डूओं की जांच
प्रकाश गुप्ता का कहना है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय कई संस्थाओं ने राम लला के लिए लड्डू भेजे थे, जिन्हें पैकेट में रखवा कर संस्थाओं ने ही श्रद्धालुओं के बीच वितरित किया था। इसमें तिरुपति के लड्डू भी बंटे होंगे। कितनी संस्थाओं ने लड्डू भेजे गए थे, इसको लेकर कोई रिकॉर्ड मंदिर के पास नहीं है। तिरुपति में लड्डू में चर्बी की मिलावट के बाद उठे विवाद के बाद अयोध्या के अमावां मंदिर में बांटे जाने को लेकर रघुनाथ प्रसादम के लड्डू की जांच के अतिरिक्त हनुमानगढ़ी के सामने दुकानों पर बिकने वाले लड्डुओं की भी जांच की गई।