लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरुवार को मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि( Krishna Janmabhoomi Case)और शाही ईदगाह मस्जिद जमीन विवाद मामले सुनवाई हुई। करीब एक घंटे तक हुई सुनवाई में सेवानिवृत्त जज की अगुवाई में सर्वे की मांग की गई। जिसमें कहा गया कि सेवानिवृत्त जज की अगुवाई में दो वकीलों को भी रखा जाये। वहीं […]
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरुवार को मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि( Krishna Janmabhoomi Case)और शाही ईदगाह मस्जिद जमीन विवाद मामले सुनवाई हुई। करीब एक घंटे तक हुई सुनवाई में सेवानिवृत्त जज की अगुवाई में सर्वे की मांग की गई। जिसमें कहा गया कि सेवानिवृत्त जज की अगुवाई में दो वकीलों को भी रखा जाये। वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का विरोध किया गया।
मुस्लिम पक्ष ने कहा कि उनकी तरफ से बहस करने वाला एक भी अधिवक्ता कोर्ट में मौजूद नहीं है। साथ ही ये भी दलील दी गई कि मामले में 16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से सुनवाई टालने का अनुरोध किया। हालांकि दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद हाई हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भगवान श्रीकृष्ण का पक्ष सुनने के बाद मामले में दाखिल 18 वादों में बारी-बारी से सुनवाई की।
मालूम हो कि मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि (Krishna Janmabhoomi Case) को लेकर पुराना विवाद है। कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक को लेकर विवाद हो रहा है। श्री कृष्ण जन्मभूमि के पास 10. 9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है, वहीं शाही ईदगाह के पास ढाई एकड़ जमीन का। हिंदू पक्ष की तरफ से यह दलील दी जाती है कि शाही ईदगाह मस्जिद अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया है। इस मस्जिद को हटा कर, जिसकी जमीन है, उसे सौंप दी जाए।