Saturday, November 9, 2024

काशी के संतों ने बांग्लादेश हिंसा पर जाहिर की चिंता, विपक्ष दलों को भी घेरा

लखनऊ : बांग्लादेश में तख्तापलट की स्थिति को लेकर आज शुक्रवार को वाराणसी में अखिल भारतीय संत समिति और विश्व हिंदू परिषद की बैठक हुई। विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों और संतों ने बांग्लादेश के हालात पर चिंता जताई। बांग्लादेश में हिंदुओं और सिखों के धार्मिक स्थलों पर हो रही हिंसक घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जताई। इस दौरान देश के विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा दिए गए बयान पर भी पलटवार किया गया। मौके पर सभी संतों ने कहा कि देश का माहौल खराब करने की एक सोची-समझी साजिश के तहत ऐसी भाषा बोली जा रही है।

हिंदू-सिख धार्मिक स्थलों के हमलों पर चर्चा

अखिल भारतीय संत समिति के स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, संत बालक दास और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी और अन्य अधिकारियों के समर्थकों ने वाराणसी के सिगरा कार्यालय में एक बैठक आयोजित की। इस बैठक में बांग्लादेश में तख्तापलट और हिंदू सिख धार्मिक स्थलों पर हमलों पर विशेष रूप से चर्चा की गई।

पड़ोसी मुल्क की गंभीर स्थिति पर बोले संत

इस बैठक के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य किए जाएं, यह भारत के हर नागरिक का मानना है। भारत पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है और ऐसे गंभीर मुद्दों पर भी भारत अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ धर्म के तहत खड़ा है। इसके अलावा बांग्लादेश के विभिन्न स्थानों से आने वाले हिंदू और सिख धार्मिक स्थलों की हिंसक घटनाओं पर नाराजगी जताई। इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश में गठित अंतरिम सरकार से अपील करते हुए कहा कि वहां पर धर्मनिरपेक्षता के आधार पर सभी के हित और सुरक्षा का ध्यान रखा जाए।

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