लखनऊ: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आज मंगलवार को वोटों की गिनती जारी है. शुरुआती रुझानों में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है. राज्य में 10 साल बाद कांग्रेस सत्ता में लौटती है या बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाती है. इसका फैसला कुछ देर में साफ़ हो जाएगा. हरियाणा विधानसभा […]
लखनऊ: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आज मंगलवार को वोटों की गिनती जारी है. शुरुआती रुझानों में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है. राज्य में 10 साल बाद कांग्रेस सत्ता में लौटती है या बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाती है. इसका फैसला कुछ देर में साफ़ हो जाएगा. हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों का असर उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर भी दिखेगा. नतीजे एनडीए और इंडिया अलायंस की सहयोगी समाजवादी पार्टी के लिए भी टेंशन बढ़ा सकते हैं.
दरअसल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीमा भी हरियाणा से लगती है, यहां जाट मतदाता निर्णायक माने जाते हैं 10 में से चार सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हैं. ऐसे में एनडीए के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकदल और बीजेपी के बीच भी तनाव बढ़ने वाला है.
उत्तर प्रदेश की जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से चार सीटें- गाजियाबाद, मीरापुर, खैर और कुंदरकी भी शामिल हैं. ये पश्चिम उत्तर प्रदेश की हैं, जहां हरियाणा चुनाव परिणाम का सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा.
2022 के विधानसभा चुनाव में इनमें से दो सीटें गाजियाबाद और खैर पर बीजेपी, मीरापुर पर आरएलडी और कुंदरकी पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है. हरियाणा चुनाव नतीजों के बाद रालोद मीरापुर के साथ-साथ कुंदरकी सीट पर भी अपना दावा ठोकेगी. वहीं, गठबंधन के तहत पांच सीटें मांग रही कांग्रेस मीरापुर समेत कुंदरकी सीट भी मांगेगी।
बहरहाल, यूपी उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी अपनी-अपनी तैयारी कर रही हैं. लेकिन हरियाणा के नतीजों के बाद राजनीतिक समीकरण बदल जाएंगे. मीरापुर के साथ ही रालोद संभल की कुंदरकी सीट पर भी दावा ठोकेगी।
समाजवादी पार्टी की बात करें तो हरियाणा में एक भी सीट नहीं मिलने के बाद पार्टी सभी 10 सीटों पर तैयारी कर रही है. कांग्रेस भी पांच सीटों पर दावा कर रही है. हालांकि, अखिलेश यादव गठबंधन की बात तो करते हैं लेकिन सीट शेयरिंग पर चुप्पी साधे रहते हैं.