Advertisement
  • होम
  • टॉप न्यूज़
  • Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मामले में सुनवाई आज, हिंदू पक्ष ने दी दलीलें

Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मामले में सुनवाई आज, हिंदू पक्ष ने दी दलीलें

लखनऊ। वाराणसी कोर्ट में मंगलवार (21 नवंबर) को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने को जिलाधिकारी को सौंपने के मामले में सुनवाई की जाएगी। हालांकि, कोर्ट ने इससे पहले 8 नवंबर को मामले की पूरी सुनवाई करते हुए इसके फैसले को सुरक्षित रखा था। इस दौरान अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने भी प्रार्थना पत्र […]

Advertisement
Gyanvapi Masjid
  • November 21, 2023 6:42 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

लखनऊ। वाराणसी कोर्ट में मंगलवार (21 नवंबर) को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने को जिलाधिकारी को सौंपने के मामले में सुनवाई की जाएगी। हालांकि, कोर्ट ने इससे पहले 8 नवंबर को मामले की पूरी सुनवाई करते हुए इसके फैसले को सुरक्षित रखा था। इस दौरान अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने भी प्रार्थना पत्र देते हुए खुद को पक्षकार बनाए जाने के लिए कहा था। जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए कहा था।

सोमवार को होनी थी सुनवाई

दरअसल, इस मामले की सुनवाई सोमवार (20 नवंबर) को की जानी थी, लेकिन कोर्ट में अधिवक्ता आतुल गोस्वामी के निधन के कारण इसे टाल दिया था। जिसके बाद जिला जज ने सुनवाई के लिए 21 नवंबर की अगली तारीख तय की थी।

आज हो सकता है फैसला

इस दौरान हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने को जिलाधिकारी को सौंपने के मामले में कचहरी में शोक की वजह से सोमवार की सुनवाई नहीं हो पाई। इसी कारण जिला जज ए के विश्वेश ने सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख तय की। इसके साथ ही मदन मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने को जिलाधिकारी को सौंपने के मामले में 8 नवंबर को सुनवाई पूरी करते हुए 18 नवंबर के लिए फैसला सुरक्षित रखा गया था। यही नहीं उन्होंने बताया कि अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने एक प्रार्थना पत्र देते हुए जिला जज ए के विश्वेश से खुद को इस मामले में पक्षकार बनाए जाने और उन्हें सुनने की अपील की थी। जिस पर अदालत ने उन्हें अपना पक्ष रखने की मंजूरी दे दी थी।

जानिए पूरा मामला

गौरतलब है कि हिन्दू पक्ष की ओर से व्यासजी के तहखाने की चाबी डीएम को सौंपने की मांग की गई है। हिन्दू पक्ष का ऐसा कहना है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो अंजुमन इंतजामिया कमेटी इस तहखाने पर कब्जा कर लेगी। इसे लेकर याचिकाकर्ता शैलेंद्र कुमार पाठक का कहना है कि व्यासजी का तहखाना सालों से उनके परिवार के कब्जे में रहा। वहीं 1993 के बाद प्रदेश सरकार के आदेश पर तहखाने की ओर बैरिकेडिंग कर दी गई, लेकिन अभी भी तहखाने का दरवाजा खुला हुआ है। ऐसे में इस पर कभी भी कब्जा किया जा सकता है।


Advertisement