लखनऊ। आय से अधिक संपत्ति के मामले में यूपी के पूर्व शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को 3 साल की सजा सुनाई गई है। शुक्रवार को प्रयागराज की एमपी-एमएलए की स्पेशल कोर्ट ने राकेश धर त्रिपाठी को दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई और साथ में 10 लाख रुपये का जुर्माना भी […]
लखनऊ। आय से अधिक संपत्ति के मामले में यूपी के पूर्व शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को 3 साल की सजा सुनाई गई है। शुक्रवार को प्रयागराज की एमपी-एमएलए की स्पेशल कोर्ट ने राकेश धर त्रिपाठी को दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई और साथ में 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। सजा सुनाने के बाद कोर्ट ने राकेश धर त्रिपाठी को कस्टडी में लेकर जेल भेजने का आदेश दिया है। बता दें कि स्पेशल जज एमपी एमएलए कोर्ट डॉ दिनेश चंद्र शुक्ला की कोर्ट ने पूर्व मंत्री के खिलाफ यह फैसला सुनाया।
दरअसल राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 31 (1) के तहत प्रयागराज के मुट्ठीगंज थाने में 18 जून 2013 में FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद पुलिस ने पूर्व मंत्री के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर आरोप तय किए थे। मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने मंत्री रहते हुए 50 लाख रुपये की आमदनी के बदले 2 करोड़ से अधिक रुपये खर्च किये थे। वो बाकी बची हुई रकम के हिसाब का जवाब नहीं दे पाए थे।
राकेशधर त्रिपाठी पर आरोप है कि बसपा सरकार में शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी। जब वो मंत्री थे तब उनकी आय 50 लाख रुपये थी लेकिन जांच में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी की आय 2 करोड़ 17 लाख पाई गई। लोकायुक्त की जांच में खुलासा हुआ था कि शिक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए त्रिपाठी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉलेजों को मान्यता दी थी।