लखनऊ। यूपी के सुल्तानपुर में 28 अगस्त को एक ज्वेलरी शॉप में डकैती हुई थी। फिर 5 सिंतबर को इस लूट कांड के आरोपी मंगेश यादव का एनकाउंटर हुआ। वहीं मंगेश यादव के एनकाउंटर के बाद यूपी एसटीएफ पर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे। 11 सदस्यों ने एनकाउंटर को अंजाम दिया राजनीतिक दलों […]
लखनऊ। यूपी के सुल्तानपुर में 28 अगस्त को एक ज्वेलरी शॉप में डकैती हुई थी। फिर 5 सिंतबर को इस लूट कांड के आरोपी मंगेश यादव का एनकाउंटर हुआ। वहीं मंगेश यादव के एनकाउंटर के बाद यूपी एसटीएफ पर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे।
राजनीतिक दलों और मंगेश यादव के परिवार दोनों ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाए है। वहीं इस एनकाउंटर में कुछ ऐसे तथ्य भी हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता। एनकाउंटर के बाद सामने आई यूपी STF टीम की एक तस्वीर ने भी कई सवालों को जन्म दिया। यूपी एसटीएफ की 11 सदस्य टीम ने इस एनकाउंटर को अंजाम दिया था। जिसमें डिप्टी एसपी डीके शाही मुख्य भूमिका में थे।
मंगेश यादव एनकाउंटर पर सबसे पहला सवाल यूपी एसटीएफ की 11 सदस्य टीम पर जिसमें डिप्टी एसपी डीके शाही, दो सब इंस्पेक्टर अतुल चतुर्वेदी और प्रदीप सिंह, दो इंस्पेक्टर राघवेंद्र सिंह और महावीर सिंह, 3 हेड कांस्टेबल रामनिवास शुक्ला, सुशील सिंह, और नीरज पांडे और 3 कांस्टेबल ब्रजेश बहादुर सिंह, अमर श्रीवास्तव, अमित त्रिपाठी मुख्य तौर पर शामिल थे।
एनकाउंटर में डिप्टी एसपी डीके शाही की ओर से दर्ज कराई गई FIR के मुताबिक टीम ने पूरी तैयारी के साथ बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर, हथियार लेकर मंगेश यादव को मार गिराया।
एफआई से घटनास्थल की तस्वीरें एक अलग ही कहानी को बताती है। टीम के कुछ सदस्य चप्पल पहने हुए नजर आते हैं और किसी ने भी बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं पहन रखा था। वहीं डिप्टी एसपी डीके शाही द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में मंगेश यादव को बेहद खतरनाक अपराधी बताया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या टीम ने जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया या फिर उन्हें पहले से ही यकीन था कि मंगेश यादव उनसे मुकाबला नहीं कर पाएगा।