लखनऊ। देश में लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है। ऐसे में नेताओं की ताबड़तोड़ रैलियां भी हो रही हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ कल शुक्रवार को प्रदेश के अलीगढ़ दौरे पर थे। वहां उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए जनता से बीजेपी उम्मीदवार को लोकसभा चुनाव में जीतने के लिए […]
लखनऊ। देश में लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है। ऐसे में नेताओं की ताबड़तोड़ रैलियां भी हो रही हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ कल शुक्रवार को प्रदेश के अलीगढ़ दौरे पर थे। वहां उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए जनता से बीजेपी उम्मीदवार को लोकसभा चुनाव में जीतने के लिए अपील की। वहां उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “हम सिर्फ राम को ही नहीं लाए हैं बल्कि सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों का ‘राम नाम सत्य’ भी करवा देते हैं। “
CM योगी कल शुक्रवार को अलीगढ़ में चुनावी मंच पर शेर की तरह दहाड़ते हुए दिखें। इस दौरान उन्होंने कहा कि भगवान राम का नाम लेकर जीवन यापन करते हैं। राम के बिना कोई काम नहीं होता। लेकिन जब कोई समाज की सुरक्षा के लिए खतरा बनेगा, तो उसका राम नाम सत्य निश्चित है। इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि 10 वर्ष पहले जो सपना था वो आज सच हो रहा है। उन्होंने सपना सच होने का कारण जनता की एक वोट को बताया है।
सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने केंद्र की मोदी सरकार का जिक्र किया। उन्होंने PM मोदी को लेकर कहा कि आपने जो अपना एक वोट PM मोदी को दिया, मोदी के नाम पर दिया, तो मोदी की गारंटी आपके भविष्य को बनाती हुई दिखती है। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की तारीफ़ करते हुए जनता से कहा कि आप देखों वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर, हाईवे, एयरपोर्ट, रेलवे लगातार बन रहे है। सभी क्षेत्रों का विकास हो रहा है।
अलीगढ़ से पहले बागपत में CM योगी ने जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने वहां बीजेपी नेता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दल राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के उम्मीदवार डॉ राजकुमार सांगवान के जीत के लिए जनता से अपील की। इसके साथ ही उन्होंने सबसे पहले वहां की धरती यानी वीरों एवं स्वतंत्रता सेनानियों की धरती बागपत को नमन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह वही भूमि है, जहां से अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध महाभारत की नींव रखी गई थी, करीब पांच हजार वर्ष पहले भगवान श्रीकृष्ण ने हस्तिनापुर के राजदरबार में जाकर पांडवों के लिए जिन पांच गांव की मांग की थी, उनमें से एक बागपत भी था। मगर ‘दुर्योधन वह भी दे न सका, आशीष समाज की ले न सका…’, इसलिए महाभारत तो होना ही था।