Tuesday, December 3, 2024

सीएम योगी का बड़ा ऐलान, कानपुर हिंसा के आरोपियों के केस वापस लेगी यूपी सरकार

लखनऊ: यूपी में दस सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं, जिसमें कानपुर की सीसामऊ सीट भी शामिल है. सपा की परंपरागत सीट मानी जाने वाली सीसामऊ सीट पर बीजेपी कब्जा करना चाहती है. इसी को देखते हुए बीजेपी ने नई सियासी चाल चली है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2015 में कानपूर हिंसा के आरोपी हिन्दुओं के केस वापस लेने का फैसला किया है।

32 हिंदुओं के खिलाफ केस वापस लेने का फैसला

यूपी सरकार ने 2015 में सीसामऊ में हुई हिंदू-मुस्लिम हिंसा में आरोपी 32 हिंदुओं के खिलाफ केस वापस लेने का फैसला किया है. आरोप है कि एसपी विधायक इरफान सोलंकी के दबाव में उन्हें आरोपी मानकर जेल भेज दिया गया.

साल 2015 का है मामला

वर्ष 2015 में दर्शनपुरवा क्षेत्र में नवरात्र और मोहर्रम एक साथ पड़े थे। ऐसे में नवरात्रि के दौरान मुहर्रम का ताज भंडारे से निकाला गया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच पहले विवाद शुरू हुआ और फिर मामला हिंसा तक पहुंच गया. पुलिस ने इस हिंसा के सिलसिले में दर्शन पुरवा इलाके से करीब 50 लोगों की पहचान की थी, लेकिन उस वक्त प्रदेश में सपा की सरकार थी और इरफान सोलंकी यहां से विधायक थे.

बीजेपी ने लिया केस वापस लेने का फैसला

बता दें कि उस दौरान इरफ़ान सोलंकी पर आरोप लगा था कि इनके ही दबाव में 32 हिन्दुओं के ऊपर मामला दर्ज हुआ था। जिन्हें जेल भी जाना पड़ा था। लेकिन सीसामऊ सीट पर उपचुनाव होना है और इनफान खुद जेल में बंद हैं ऐसे में भाजपा ने नै राजनीति शुरू कर दी है। भाजपा ने चुनावी फायदे के लिए इन सभी लोगों पर दर्ज मामले को वापस लेने का निर्णय किया है।

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