लखनऊ : राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में मुख्य पुजारी के तौर पर शामिल रहें पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित ने आज शनिवार को दुनिया को अलविदा कह दिया है। बता दें कि पंडित दीक्षित काशी के पुजारी थे। आज उनके निधन की सूचना मिलने के बाद काशी समेत अन्य जगहों पर शोक की लहर दौड़ पड़ी। 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम अपने भव्य महल में विरजमान हुए, जिसमें पंडित दीक्षित मुख्य पुजारी के तौर पर मंदिर में मौजूद थे। मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में इनका मुख्य भूमिका देखा गया। इनके नेतृत्व में सभी पूजा पाठ को संपन्न कराया गया था। इसके साथ ही बता दें तो पंडित दीक्षित काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण में भी दिसंबर 2021 में शामिल हुए थे। इस बीच यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
अचानक तबियत बिगड़ने के कारण कई जान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आज पंडित दीक्षित की तबियत अचानक बिगड़ गई , जिसके बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया है। भारतीय सनातन संस्कृति और परंपरा में पंडित दीक्षित की हमेशा से गहरी आस्था रही थी। इसके साथ वह हमेशा से ही ईश्वर में विश्वास करने वाले लोगों को समझाते रहते थे.
पंडित जी के जीवन काल का विवरण
पंडित दीक्षित ने पुरे जीवन काल में 2024 में हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में मुख्य पुजारी की भूमिका में दिखें। साथ ही उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन पूजन में भी मुख्या भूमिका निभाई थी. ईश्वर के आशीर्वाद से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ग्वालियर, राजस्थान और देश के प्रमुख राजघरानों के राज्याभिषेक को बाबूजी और पूर्वजों की तरफ से संपन्न कराया जा चुका है. इसके अलावा यह भी माना जाता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक में भी दीक्षित परिवार के पुरानी पीढ़ियों का योगदान रहा है.
सीएम योगी ने ट्वीट कर लिखा
पंडित जी के जाने के बाद सीएम योगी ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा कि काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का गोलोकगमन अध्यात्म व साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है। संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके शिष्यों और अनुयायियों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!