लखनऊ: आचार्य चाणक्य के बारे में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो नहीं जनता होगा। इतिहास में अगर सबसे तेज दिमाग वाले व्यक्ति की बात होती है तो सबसे पहला नाम चाणक्य का ही आता है। चाणक्य ने अपने जीवन काल में कई नीतियों के बारे में भी लिखा है। जो आम जन जीवन […]
लखनऊ: आचार्य चाणक्य के बारे में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो नहीं जनता होगा। इतिहास में अगर सबसे तेज दिमाग वाले व्यक्ति की बात होती है तो सबसे पहला नाम चाणक्य का ही आता है। चाणक्य ने अपने जीवन काल में कई नीतियों के बारे में भी लिखा है। जो आम जन जीवन से जुड़ा हुआ है। अगर आप इनकी दी गई नीतियों का पालन करते है तो आपको जीवन में इज्जत के साथ-साथ खुशियां भी मिलती है। ऐसे में चलिए जानते है कि चाणक्य नीति के हिसाब से दूसरों के घर कब नहीं जाना चाहिए, जिससे हमारी इज्जत उनकी नजरों में कम न हो।
चाणक्य नीति के मुताबिक, अगर आप बिना किसी काम या मतलब के दूसरों के घर जाते हैं तो ऐसे में आपकी इज्जत थोड़ी कम हो सकती है. अगर आपको अधिक जरुरत न हो तो आप दूसरों के घर जाने से जरूर बचें।
चाणक्य नीति के मुताबिक, जब तक आपको कोई भी व्यक्ति अपने घर पर नहीं बुलाता है तब तक आपको सामने वाले के घर नहीं जाना चाहिए। सिर्फ यहीं नहीं, जब तक वो आपको रुकने के लिए न कहें तब तक आपको उनके घर पर रुकना भी नहीं चाहिए।
चाणक्य नीति यह भी कहता है कि जो व्यक्ति दूसरों के घर पर किसी भी कारणवश रहता है तो वह कभी भी खुश नहीं रह सकता है. इस तरह के लोगों को अपने जीवन में हमेशा कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
इसके साथ चाणक्य नीति यह भी कहता है कि जब आप किसी दुसरे व्यक्ति के घर जाने का प्लान करते है तो उससे पहले आप उनसे एक बार जरूर पूछ लें. अगर आप इन आदतों को नहीं अपनाते है तो इससे आपकी इज्जत थोड़ी कम होने लगती है। वहीं आप चाणक्य नीतियों के साथ जीवन जीते है तो आपको हमेशा ढेर सारा सम्मान और आदर भी मिलेगा।