Advertisement
  • होम
  • टॉप न्यूज़
  • Cabinet meeting: अनुपूरक बजट से पहले कैबिनेट बैठक, महाकुंभ के लिए बड़ा बजट निर्धारित

Cabinet meeting: अनुपूरक बजट से पहले कैबिनेट बैठक, महाकुंभ के लिए बड़ा बजट निर्धारित

लखनऊ। योगी सरकार मंगलवार को इस कार्यकाल का दूसरा अनुपूरक बजट पेश करेगी। यह 15,000 करोड़ रुपये तक होने की संभावना है। बजट का बड़ा हिस्सा महाकुंभ के लिए होगा। इसके अतिरिक्त एमएसएमई विभाग की योजनाओं, औद्योगिक विकास, अस्पतालों और सड़कों के लिए भी धनराशि का प्राविधान होगा। दूसरा अनुपूरक बजट पेश करेगी यूपी विधानसभा […]

Advertisement
supplementary budget
  • December 17, 2024 7:49 am IST, Updated 2 months ago

लखनऊ। योगी सरकार मंगलवार को इस कार्यकाल का दूसरा अनुपूरक बजट पेश करेगी। यह 15,000 करोड़ रुपये तक होने की संभावना है। बजट का बड़ा हिस्सा महाकुंभ के लिए होगा। इसके अतिरिक्त एमएसएमई विभाग की योजनाओं, औद्योगिक विकास, अस्पतालों और सड़कों के लिए भी धनराशि का प्राविधान होगा।

दूसरा अनुपूरक बजट पेश करेगी

यूपी विधानसभा में योगी सरकार दूसरा अनुपूरक बजट पेश करेगी। बजट पेश करने से पहले मुख्‍यमंत्री ने अपने आवास पर कैबिनेट सदस्‍यों के साथ बैठक की। शीतकालीन सत्र से पहले सीएम योगी ने विधानसभा मंडल की नवीनीकृत दर्शक दीर्घा का उद्‌घाटन किया। विधानसभा को लोकतंत्र का पवित्र मंदिर बताते हुए सीएम ने कहा कि दूर-दूर से लोग देश की सबसे बड़ी विधानसभा को देखने आते हैं। पहले उन्हें दर्शक दीर्घा में बैठाया जाता है। इस मंदिर को देखने आने वालों पर फर्स्ट इंप्रेशन अच्छा पड़े, इसलिए दर्शक दीर्घा का नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण हुआ है।

बजट का आकार बढ़ गया

गौर करने वाली बात यह है कि 2024-25 के लिए योगी सरकार ने मूल बजट में 73643.71 करोड़ रुपये आवंटित किया। इसके बाद सरकार ने बीते जुलाई में पहला अनुपूरक बजट पेश किया था। इसका आकार 12209.92 करोड़ रुपये था। इस तरह प्रदेश का इस साल का बजट 748647.63 करोड़ रुपये हो गया। अब दूसरा अनुपूरक बजट आने के साथ ही इस वित्‍तीय वर्ष के बजट का आकार बढ़कर 7.50 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जाएगा।

मूर्ति के सामने धरना दिया

राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में 177 लेक्चरर को प्रमोट कर विभागाध्यक्ष बनाए जाने की मांग को लेकर सपा विधायक और अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल सोमवार को धरने पर बैठ गई। पहले उन्होंने सदन में मुद्दा उठाने को कोशिश की, लेकिन नियम के मुताबिक नोटिस न देने के चलते अनुमति नहीं मिली। इसके बाद वह विधान भवन के सामने चौधरी चरण सिंह की मूर्ति के पास धरने पर बैठ गईं।


Advertisement