लखनऊ। राजधानी की NIA कोर्ट ने कासगंज के चंदन गुप्ता हत्याकांड में 28 आरोपियों को दोषी माना है। 6 साल पहले यानी 2018 में कासगंज में दंगा हुआ था। इसमें ABVP कार्यकर्ता चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। चंदन मोदी-योगी का कट्टर समर्थक था। उसकी मौत के बाद कासगंज में हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि प्रशासन को इंटरनेट सेवा बंद करनी पड़ी। ये दंगे एक हफ्ते तक चले थे।
अनुमति न मिलने पर भी निकाली यात्रा
26 जनवरी 2018 की सुबह 9 बजे UP के कासगंज में विश्व हिंदू परिषद, ABVP और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता लगभग 100 मोटर साइकिलों पर तिरंगा और भगवा झंडा लेकर निकले थे। चंदन गुप्ता भी इसी भीड़ में शामिल था। प्रशासन ने यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन फिर भी इन लोगों ने यात्रा निकाली। छोटी-छोटी गलियों वाले कासगंज कोतवाली इलाके में यह लोग घुस गए। ये लोग मुस्लिम आबादी वाले बड्डूनगर की एक गली से गुजरने की जिद पर अड़ गए।
2 मुस्लिम युवक जख्मी हो गए
वहां स्थानीय लोग पहले से गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम कर रहे थे। कार्यकर्ताओं ने वहां पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी, इतने में माहौल बिगड़ा और दोनों तरफ पत्थरबाजी होने लगी। एक गोली चली, जो सीधे चंदन को आकर लगी। जिसके बाद वह घायल हो गया। जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसने दम तोड़ दिया। मौत की खबर फैलते ही पूरे कासगंज में दंगे शुरू हो गए। दंगे में 2 मुस्लिम युवक भी बुरी तरह से जख्मी हो गए।