लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने अपने सभी प्रवक्ताओं को पद से हटा दिया है। जयंत चौधरी के आदेश पर इन सभी को उनके पद से निलंबित कर दिया है। पार्टी ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। बयान में कहा कि राष्ट्र्रीय लोकदल के सभी राष्ट्रीय प्रवक्ताओं और यूपी के सभी प्रवक्ताओं को तत्काल […]
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने अपने सभी प्रवक्ताओं को पद से हटा दिया है। जयंत चौधरी के आदेश पर इन सभी को उनके पद से निलंबित कर दिया है। पार्टी ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। बयान में कहा कि राष्ट्र्रीय लोकदल के सभी राष्ट्रीय प्रवक्ताओं और यूपी के सभी प्रवक्ताओं को तत्काल प्रभाव से उनके पद से निलंबित कर दिया है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 17 दिसंबर को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है.. आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए कहा था कि हमें तो आनंद है कि आंबेडकर का नाम लेते हैं। आंबेडकर का नाम अभी सौ बार ज्यादा लो, परंतु आंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है ये मैं बताता हूं। आंबेडकर जी को देश कि पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया।
गृह मंत्री ने आगे कहा था कि उन्होंने (आंबेडकर) कई बार कहा कि वह अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साथ होने वाले व्यवहार से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने सरकार की विदेश नीति से असहमति जताई थी, अनुच्छेद 370 से भी वह सहमत नहीं थे। आंबेडकर को विश्वास दिया गया था, जो पूरा नहीं हुआ, यहीं कारण है कि उन्हें कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। “अमित शाह यहीं नहीं रुके, उन्होंने इसके बाद जवाहरलाल नेहरू का एक बयान भी पढ़ा जो आंबेडकर के इस्तीफे के बारे में दिया गया था।
उन्होंने कहा, “श्री बीसी रॉय ने पत्र लिखा कि आंबेडकर और राजाजी जैसे दो महानुभाव मंत्रिमंडल छोड़ेंगे तो क्या होगा, तो नेहरू जी ने उनको जवाब में लिखा है- राजाजी के जाने से तो थोड़ा बहुत नुकसान होगा, आंबेडकर के जाने से मंत्रिमंडल कमजोर नहीं होता है। ”