लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक तरफ सरकार और संगठन के बीच टकराव की खबरें सामने आ रही हैं, वहीं दूसरी तरफ पार्टी के नेता सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इसी कड़ी में बुलंदशहर सदर के बीजेपी नेता प्रदीप चौधरी का नाम भी जुड़ गया है। बता दें कि प्रदीप चौधरी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर निर्माण कार्यों में अनियमितताओं को लेकर विभागीय अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की है।
विधायक ने सीएम योगी को पत्र लिखते हुए क्या बताया ?
भाजपा विधायक प्रदीप चौधरी ने कहा, “पिछले 17 सालों में मैंने तीन बार काली नदी पर अवैध अतिक्रमण और नदी की सफाई का मुद्दा उठाया है। मैंने सिंचाई मंत्री से मुलाकात कर उन्हें मामले से अवगत कराया और केंद्र सरकार को पत्र लिखा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरे प्रस्ताव पर केंद्र को 90 करोड़ रुपये की धनराशि देने की जानकारी दी और मंत्री को आश्वस्त किया कि काली नदी पर कोई अवैध अतिक्रमण नहीं है।”
पत्र में आगे लिखा
उन्होंने आगे कहा, “इस काली नदी में प्रदूषण के कारण हर साल करीब 50 लोग किडनी और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से मरते हैं। इसलिए मुख्यमंत्री की नीति अवैध कारोबार को हटाकर काली नदी की पवित्रता को वापस लाने की है। कृपया लोकतंत्र का चीरहरण करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करें।”
विभाग ने विधायक की याचिका को गलत बताया
आपको बता दें कि विधायक की यह पत्र सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विभाग ने काली नदी की जमीन पर किसी भी तरह का अवैध कब्जा न होने की खबर दी है और सीएम योगी को दी गई नेता की इस याचिका को गलत बताया है।