लखनऊ। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के लिए अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 13 साल पुराने अपहरण व फायरिंग मामले में उन्हें बरी कर दिया है। मायावती सरकार में बसपा नेता मनोज शुक्ल ने कुंडा विधायक राजा भैया पर अपहरण और थाने में फायरिंग करने के मामले में केस दर्ज कराया था।
जानें क्या है मामला
बसपा सरकार के दौरान 2011 में राजा भैया और एमएलसी अक्षय प्रताप समेत 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। शासन ने 2014 में मुकदमा वापस लाने का आदेश दिया था लेकिन MP-MLA कोर्ट ने मुक़दमा वापसी की अनुमति नहीं दी थी। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मामले में कौशांबी के तत्कालीन सांसद शैलेंद्र, एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह,बाबागंज विधायक विनोद सरोज और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया समेत 18 आरोपियों को निर्देश करार दिया है।
जानबूझकर फंसाया था
लखनऊ खंडपीठ में राजा भैया के मुकदमे की पैरवी वरिष्ठ वकील हरि गोविंद सिंह परिहार ने की। राजा भैया के क़ानूनी सलाहाकार केशरनंदन पांडेय व अधिवक्ता मुक्कू ओझा ने कहा कि साजिश के तहत मुक़दमा दर्ज कराया गया था। केस दर्ज होने के 6 घंटे बाद ही राजा भैया, बाबागंज विधायक सहित अन्य लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि अब हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले में सभी आरोपितों को निर्दोष बताकर बरी कर दिया है।