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Allahabad High Court का बड़ा फैसला, तलाक नहीं होने पर पहली पत्नी को पेंशन मिलने का अधिकार

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने पति-पत्नी से जुड़े एक विवाद मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। जिसमें कोर्ट ने कहा है कि अगर तलाक नहीं हुआ है तो पहली पत्नी को ही पेंशन का लाभ मिलने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि गुजारा भत्ते पर समझौता होने से ये नहीं कह सकते […]

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  • January 12, 2024 6:24 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने पति-पत्नी से जुड़े एक विवाद मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। जिसमें कोर्ट ने कहा है कि अगर तलाक नहीं हुआ है तो पहली पत्नी को ही पेंशन का लाभ मिलने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि गुजारा भत्ते पर समझौता होने से ये नहीं कह सकते कि पहली पत्नी का पति की मौत के बाद सेवानिवृत्ति परिलाभों पर अधिकार नहीं है।

याची की याचिका ख़ारिज

कोर्ट (Allahabad High Court) ने अपने फैसले में कहा कि पति से अलग रहने के बाद भी सेवा पंजिका में पहली पत्नी नामित है। दोनों के बीच तलाक नहीं होने की वजह से वह पत्नी है। ऐसे में पति की मौत के बाद पारिवारिक पेंशन आदि पाने की हकदार पत्नी ही है। इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी की तरह साथ रहने वाली याची को राहत देने से इंकार कर दिया।

जानिए क्या है विवाद

बता दें कि याची ने इलाहाबाद हाईकोर्टमें याचिका दाखिल की थी कि उसके पति भोजराज 30 जून 2021 को सेवानिवृत्त हुए थे। इसके 4 महीने बाद ही उनकी मौत हो गई। वह लंबे समय से उनके साथ पत्नी के रूप में रहती थी। पहली पत्नी घर छोड़कर चली गई थी। पहली पत्नी ने गुजारे को लेकर कोई दावा नहीं किया था। इस तरह से उसने पति के सेवानिवृति परिलाभों पर अपना दावा नहीं किया। लेकिन कोर्ट ने इस मामले में कहा कि पहली पत्नी को फिर भी पति के सेवानिवृति परिलाभ पाने का अधिकार है।


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