लखनऊ : गाजियाबाद में एक हिंदू दक्षिणपंथी संगठन द्वारा रेलवे स्टेशन के पास झुग्गियों में रहने वाले लोगों को बांग्लादेशी बताकर किए गए हमले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोलते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया। इस मामले को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट किया, “क़ानून हाथ में लेने का अधिकार तो सरकार को भी नहीं है फिर उनके संगी-साथी गुर्गों को कैसे हो सकता है। इस हिंसक मामले में माननीय न्यायालय से स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह है।”
ज़मीन खाली कराने का ये नायाब तरीक़ा
बीजेपी पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने आगे लिखा, “आशंका की शिकायत होनी चाहिए, मनमानी हिंसा नहीं। कहीं ये भी ‘भारतीय ज़मीन पार्टी’ का कोई खेल तो नहीं, जो ज़मीन खाली कराने का ये नायाब तरीक़ा निकाल रही है। ऐसी घटनाओं से उप्र की छवि खंडित हो रही है। देश की राजधानी के इतने क़रीब घटे इस कुकृत्य के इस पक्ष की भी जाँच हो कि कहीं ये सब आपस में लड़ते दो पक्षों के बीच की लड़ाई का परिणाम तो नहीं है। “
घटना पर सपा चीफ ने जताया अंदेशा
घटना पर सपा चीफ ने अंदेशा जताते हुए लिखा, “कहीं कोई लखनऊ को ये संदेश तो नहीं दे रहा है कि हमें आपके शासन-प्रशासन पर कोई भरोसा नहीं है और न हीं उसका कोई डर है, इसीलिए हम ही आशंका पर आरोप लगाएँगे, हम ही डंडा चलाएँगे।” बता दें कि अखिलेश यादव ने अपने इस पोस्ट के साथ-साथ एक कुछ सेकेंड की वीडियो भी पोस्ट किया, वीडियो में साफ तौर पर देखा जा रहा है कि कुछ लोग लाठी-डंडे से झुग्गी में रहने वालों पर लाठी चार्ज कर रहे है और साथ में उनसे गाली गलौज भी कर रहे हैं।
मामले में दो लोग हुए गिरफ्तार
बता दें कि गाजियाबाद में एक हिंदू दक्षिणपंथी संगठन ने रेलवे स्टेशन के पास झुग्गियों में रहने वाले लोगों पर बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर लाठी चार्ज किया और उनकी झुग्गियां तोड़ दीं. पुलिस ने बताया कि मामले में शनिवार देर रात हिंदू रक्षा दल के सभापति भूपेन्द्र चौधरी और बादल उर्फ हरिओम सिंह को हिरासत में ले लिया गया. मौके पर अधिकारियों ने कहा कि घटना के संबंध में हमलावर समूह के मुखिया और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज की गई है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस का दावा है कि जिन लोगों पर हमला हुआ, वे बांग्लादेशी नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे.