Friday, September 20, 2024

Azam Khan: फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट मामले आजम खान को हाईकोर्ट से राहत, सजा पर लगी रोक

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान (Azam Khan) को आज यानी शुक्रवार (24 मई) को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली। बता दें कि अदालत से आजम परिवार को फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट मामले में राहत मिली है। साथ ही हाईकोर्ट ने आजम खान को मिली सात साल की सजा पर भी रोकने लगाने का फैसला किया है। हालांकि, आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को मिली सजाओं पर रोक नहीं लगाई है, लेकिन इनकी जमानत मंजूर कर ली गई है।

कोर्ट ने सात साल की सुनाई थी सजा

दरअसल, रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को सात साल की सजा सुनाई थी। साथ ही तीनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा था। इस मामले में बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने आजम परिवार के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। इसके बाद मामला एमपी एमएलए कोर्ट में गया और तीनों को सजा मिली थी। जिसके बाद इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और इस पर सुनवाई हुई। जहां अदालत ने 14 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

जानें पूरा मामला

गौरतलब है कि आजम खान (Azam Khan) और उनकी पत्नी तंजीम फातिमा ने 28 जून, 2012 को रामपुर नगरपालिका परिषद से अपने बेटे अब्दुल्ला आजम का बर्थ सर्टिफिकेट बनवाया था। वहीं 21 जनवरी, 2015 को लखनऊ नगर निगम से भी एक और बर्थ सर्टिफिकेट बनवाया। जहां आजम परिवार ने पहले बर्थ सर्टिफिकेट में अब्दुल्ला का जन्म स्थान रामपुर बताया, जबकि दूसरे में जिक्र किया गया कि उनके बेटे का जन्म लखनऊ के क्वीन मैरी हॉस्पिटल में दर्ज कराया।

इसी मामले में आजम खान (Azam Khan) और उनके परिवार पर आरोप था कि उन्होंने दोनों बर्थ सर्टिफिकेट का इस्तेमाल अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग कामों के लिए किया। पहले बर्थ सर्टिफिकेट में यानी रामपुर से बनवाए गए सर्टिफिकेट में बताया गया कि अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि 1 जनवरी, 1993 है, जबकि लखनऊ से बने सर्टिफिकेट में जन्मतिथि 30 सितंबर, 1990 बताई गई। ऐसे में आजम परिवार पर आरोप लगा कि फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट के जरिए दो पासपोर्ट और दो पैन कार्ड भी बनवाए गए थे।

वहीं, बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने जनवरी, 2019 में आजम परिवार पर फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने के मामले में केस दर्ज करवाया था। इस केस में रामपुर पुलिस ने जांच पूरी की और फिर चार्जशीट दाखिल की। जिसके बाद आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला ने फरवरी, 2020 में रामपुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया थी। इसके बाद तीनों को कोर्ट ने जेल भेजा। बीते साल रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने इस केस में तीनों को सात साल की सजा सुनाई थी।

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