लखनऊ। समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आज़म खान के रामपुर पब्लिक स्कूल और सपा कार्यालय का नोटिस टाइम गुरुवार को खत्म हो गया। स्कूल ने इस मामले में प्रशासन से मोहलत बढ़ाने की मांग की गई लेकिन इंकार कर दिया गया। इसके बाद रामपुर स्कूल का फर्नीचर और अन्य सामान शिफ्टिंग का काम शुरू किया गया।
वापस ली गई थी जमीन
गुरुवार को दोपहर बाद जिला विद्यालय निरीक्षक और बीएसए स्कूल पहुंचे और सामान की शिफ्टिंग का जायजा लिया। दरअसल 31 अक्टूबर को सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में जौहर ट्रस्ट को 30 साल की लीज पर आवंटित शिक्षा विभाग की 41181 वर्ग फुट की जमीन को वापस लेने का फैसला लिया गया था।
एक हफ्ते का मिला था नोटिस
इसके बाद जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने मुख्य विकास अधिकारी नंद किशोर कलाल की अध्यक्षता में भवन और जमीन खाली कराने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित की। फिर शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू की थी। शिक्षा विभाग की तरफ से स्कूल के गेट पर 2 नवंबर को एक नोटिस चस्पा किया गया था। जिसमें एक हफ्ते के अंदर भवन खाली करने का आदेश दिया गया था।
सरकारी पैसा जौहर विवि पर खर्च
बता दें कि आज़म खान के करीबियों पर हुए आयकर छापे में पता चला कि रामपुर में होने वाले विकास कार्यों का सरकारी पैसा जौहर विवि पर खर्च किया गया। दरअसल रामपुर में जौहर विवि के पीछे स्थित झील के सौंदर्यीकरण और पिकनिक स्पॉट के लिए सरकारी विभाग द्वारा टेंडर जारी किया गया था। यह टेंडर पूर्व मंत्री आजम खां के करीबी को मिला। इस टेंडर का अधिकांश बजट जौहर विवि के निर्माण कार्य में खर्च कर दिया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि सरकारी काम अधूरा रह गया।