अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सावरकर की मूर्ती लगाने आ रहे अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं को रविवार के दिन मडराक टोल प्लाजा के पास रोक लिया गया. पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन लेकर उन्हें वापस लौटा दिया गया. जानकारियों के अनुसार हिंदू महासभा के कार्यकर्ता आगरा से अलीगढ़ की ओर जा रहे थे तभी पुलिस द्वारा उन्हें रोक लिया गया. बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों के पास सावरकर की तस्वीर भी थी, जिसको वो अपने साथ लेकर जा रहे थे. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन यूनिवर्सिटी में जिन आरोपियों ने नारे लगाए थे, उनपर बेहद कमजोर कानूनी धराएं लगाई गई हैं. प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि उक्त आरोपियों के ऊपर देशद्रोह और एनएसए की धारा लगाई जाए.
आरोपियों पर कमजोर धराओं में केस दर्ज
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में देश विरोधी नारे लगाए गए थे. ये नारे देश के अखंडता पर प्रहार है और कहीं न कहीं इससे पूरे भारत में खतरा उत्पन्न हो सकता है. सिविल लाइन पुलिस ने धारा 153बी के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया है जो उक्त जूर्म के लिए काफी नहीं है. उन्होंने कहा कि हम अपने ज्ञापन के माध्यम से ये मांग करते हैं कि केस में देशद्रोह और एनएसए की धराएं लगाकर कार्रवाई की जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि जब भारत पाकिस्तान के बीच बंटवारा हो चुका है तो फिर यूनिवर्सिटी कैंपस में जिन्ना की तस्वीर का कोई तुक नहीं बनता है. जिन्ना की तस्वीर देखकर ही इन लोगों के मन में आतंकी भावनाएं पनपती है. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि कैंपस में जिन्ना की तस्वीर की जगह सावरकर जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीर लगाई जानी चाहिए.
72 घंटे के अंदर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदर्शन करेंगे
पुलिस द्वारा रोकने के बाद हिंदू महासभा के सदस्यों ने कहा कि हम फिलहाल प्रशाशन की बात मानकर वापस लौट रहे हैं, लेकिन अगर प्रशासन ने 72 घंटे के अंदर कोई कार्रवाई नहीं की तो हम उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे. मामले पर टिप्पणी करते हुए अलीगढ़ एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत ने कहा कि जानकारी मिली कि गैर जनपद के लोग ज्ञापन देने के लिए अलीगढ़ आ रहे हैं. तुरंत प्रभाव से उन्हें रोका गया और उनकों वापस लौटाया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.