अमेठी: उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट पर स्मृति ईरानी और किशोरी लाल शर्मा के बीच चुनावी मुकाबला होता दिख रहा है। स्मृति ईरानी को इस सीट से हार मिली है। अमेठी में अब तक की मतगणना में कांग्रेस के किशोरी लाल बड़ी बढ़त बनाते दिख रहे हैं. यहां BJP की स्मृति ईरानी 1 लाख से ज्यादा वोटों से पीछे चल रही हैं. चुनाव आयोग के ताजा अपडेट के मुताबिक किशोरी लाल स्मृति ईरानी के मुकाबले 1,01,827 वोटों से आगे चल रहे हैं.अमेठी में पांचवें चरण के तहत 20 मई को वोट डाले गए थे। अमेठी सीट पर इस बार 13 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। इसमें मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच होती दिख रही है। भाजपा के दावों पर गौर करें तो पाएंगे कि अमेठी लोकसभा सीट पर पिछले पांच दशकों में कोई भी गैर कांग्रेसी उम्मीदवार लगातार दो बार जीत दर्ज नहीं कर पाया है। कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले अमेठी में चुनावी मुकाबले में अगर स्मृति ईरानी इस बार भी चुनाव जीतती हैं तो वह लगातार दो जीत का अनोखा रेकॉर्ड बना देंगी।
13 उम्मीदवार ठोंक रहे ताल
लोकसभा चुनाव के मैदान में 13 उम्मीदवार ताल ठोंकते दिख रहे हैं। इस बार बीजेपी की निवर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का मुकाबला कांग्रेस के केएल शर्मा से हो रही है। सोनिया गांधी के सांसद प्रतिनिधि के तौर पर क्षेत्र में पहचान बनाने वाले केएल शर्मा ने अमेठी ने पकड़ बनाने की खूब कोशिश की। वहीं, बसपा के स्थानीय नेता नन्हें सिंह चौहान अलग ही राजनीतिक जमीन तैयार करते दिखे हैं। मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की भरसक कोशिश की। बसपा उम्मीदवार को कितनी सफलता मिली है, यह तो परिणाम बताएगा। लेकिन, दावा यह किया जा रहा है कि भाजपा और कांग्रेस-सपा गठबंधन के उम्मीदवार के बीच ही मुख्य लड़ाई है।
बता दें कि कभी कांग्रेस पार्टी का गढ़ मानी जाती थी अमेठी एक समय अभेद दुर्ग मानी जाती थी। लेकिन बीजेपी पार्टी के सियासी चाल के बीच कांग्रेस की एक न चली। परिणाम स्वरुप केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को बीजेपी ने चुनावी मैदान में उतारा। परिणाम स्वरुप स्मृति ईरानी यहां से चुनाव जीतने में कामयाब रही। चूकि अमेठी लोकसभा सीट से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लंबे समय तक सांसद रहे जिनको हराकर ईरानी से बीजेपी का झंडा लहराया था हांलाकि इस बार मुकाबला कांटे का है आकड़ो के अनुशार बीजेपी आगे तो कभी पीछे चल रही है.
केएल राजीव गांधी के करीबी रहे हैं
केएल शर्मा पंजाब राज्य के मूल निवासी हैं. पहली बार वह साल 1983 में कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में अमेठी आए थे. वह कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री (दिवंगत) राजीव गांधी के साथ बेहद करीब से जुड़े रहे. अमेठी में ही रहकर वह पार्टी के लिए मजबूती से काम करते रहे और 1991 में राजीव गांधी के देहांत के बाद वह अमेठी में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम करते रहे. वह अन्य कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार करते रहे. किशोरी लाल शर्मा ने 1999 में सोनिया गांधी के पहले चुनावी अभियान में अहम भूमिका निभाई थी. गांधी ने पहली बार अमेठी में जीत के साथ संसद में हस्तक्षेप किया.
अमेठी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उम्मीदवार
अमेठी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उम्मीदवार
उम्मीदवार का नाम पार्टी का नाम
स्मृति ईरानी भाजपा
किशोरी लाल शर्मा कांग्रेस
नन्हें सिंह चौहान बसपा
दिनेश चंद्र मौर्या जनशक्ति समता पार्टी
भगवानदीन पासी मौलिक अधिकार पार्टी
शैलेंद्र कुमार मिश्रा संयोगवादी पार्टी
संतराम समझदार पार्टी
मो. हसन लहरी राष्ट्रीय नारायणवादी विकास पार्टी
उदयराज निर्दलीय
खुशीराम निर्दलीय
चंद्रावती निर्दलीय
जगदंबा प्रसाद यादव निर्दलीय
सुरेंद्र कुमार निर्दलीय
अमेठी लोकसभा सीट से विजयी उम्मीदवारों की लिस्ट
चुनाव वर्ष उम्मीदवार का नाम दल का नाम
1967 विद्याधर बाजपेई कांग्रेस
1971 विद्याधर बाजपेई कांग्रेस
1977 रवींद्र प्रताप सिंह जनता पार्टी
1980 संजय गांधी कांग्रेस
1981(उप चुनाव) राजीव गांधी कांग्रेस
1984 राजीव गांधी कांग्रेस
1989 राजीव गांधी कांग्रेस
1991 राजीव गांधी कांग्रेस
1991(उप चुनाव) सतीश शर्मा कांग्रेस
1996 सतीश शर्मा कांग्रेस
1998 संजय सिंह भाजपा
1999 सोनिया गांधी कांग्रेस
2004 राहुल गांधी कांग्रेस
2009 राहुल गांधी कांग्रेस
2014 राहुल गांधी कांग्रेस
2019 स्मृति ईरानी भाजपा
राहुल-प्रियंका का एक और परीक्षा
अमेठी से गांधी परिवार का चुनावी नाता 1977 से है, लेकिन पिछले 5 लोकसभा चुनावों के बाद 2024 में यह पहला चुनाव है, जब इस सीट पर परिवार का कोई सदस्य प्रत्याशी चुानावी मैदान में नहीं है. अमेठी के चुनावी इतिहास में अपने उम्मीदवारों को वोट दिलाने के मामले में गांधी परिवार का ट्रैक रिकॉर्ड उत्साहजनक नहीं रहा है. सिर्फ विधानसभा ही नहीं लोकसभा चुनाव में भी इसकी नजीर है. वह 1998 का लोकसभा चुनाव था, जब सोनिया गांधी जाहिर तौर पर राजनीति में सक्रिय हुई थीं. उन्होंने पारिवारिक मित्र कैप्टन सतीश शर्मा के लिए अमेठी में सभा की थी. राहुल और प्रियंका उनके साथ थे. कैप्टन शर्मा इस चुनाव में बीजेपी के डॉक्टर संजय सिंह से पराजित हो गए थे. दूसरी ओर अगले ही साल 1999 में अमेठी से सोनिया गांधी अपना पहला चुनाव जबरदस्त अंतर से जीतीं. अगले तीन चुनावों में राहुल गांधी ने भी जीत दर्ज की. विपरीत इसके पिछले दो विधानसभा चुनावों में राहुल और प्रियंका गांधी के प्रचार के बाद भी इलाके की पांचों सीटों पर कांग्रेस शून्य पर रही. स्थानीय निकाय चुनावों में भी कांग्रेस की स्लेट कोरी रही.
पिछले चुनावों के क्या थे परिणाम
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की स्मृति ईरानी ने इस सीट पर 55,120 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। उन्हें 50.00 % वोट शेयर के साथ 468,514 वोट मिले थे। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी को हराया था। राहुल को इस चुनाव में 413,394 वोट (43.84 %) मिले थे।
वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने इस सीट से जीत हासिल की थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को 46.71 % वोट शेयर के साथ 408,651 वोट मिले थे। बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी को 300,748 वोट (34.38 %) मिले थे। राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी को 107,903 वोटों के अंतर से हराया था।