लखनऊ: सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने सैफई में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए विधायकी छोड़ने का ऐलान किया था। बता दें कि अखिलेश करहल विधानसभा सीट और नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद ने भी विधायकी से इस्तीफा दे दिया है।
इस्तीफा देने के बाद प्रसाद ने कहा
इस्तीफा देने के साथ अवधेश प्रसाद ने कहा कि हमने और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा भेज दिया है। जैसे हम विधानसभा में साथ बैठते थे, वैसे ही लोकसभा में बैठेंगे। अंबेडकर नगर से सपा के नव निर्वाचित लोकसभा सांसद लालजी वर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, अभी विधानसभा अध्यक्ष ने इनके इस्तीफा को स्वीकार नहीं किया है।
लालू के दामाद को उतार सकते है मैदान में
ख़बर है कि करहल सीट से लालू यादव के दामाद तेज प्रताप सिंह यादव को मौका दिया जा सकता हैं। हालांकि, 2 और नाम की जानकारी सामने आई है। इनमें सपा नेता राम गोपाल यादव के भांजे अरविंद यादव और पूर्व विधायक सोबरन सिंह यादव शामिल हैं।
2022 में मैनपुरी की करहल सीट से लड़े चुनाव
बता दें कि अखिलेश ने 2022 में मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में कदम रखे। चुनाव में जीत के बाद आजमगढ़ के सांसद पद से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। आजमगढ़ में उपचुनाव हुए, उसमें बीजेपी के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने जीत दर्ज की थी।
एक्सपर्ट के अनुसार सीट छोड़ने के पीछे ये 4 कारण
यूपी में अब 2027 में विधानसभा चुनाव हैं। 3 साल राज्य की राजनीति में अधिक कुछ करने के लिए नहीं है। इसलिए अखिलेश अब अपना फोकस दिल्ली की तरफ करेंगे।
2024 के रिजल्ट में सपा देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। अखिलेश को अब केंद्रीय राजनीति में स्पेस नजर आ रहा है। पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए उन्होंने यह फैसला किया।
सपा का वजूद अभी सिर्फ यूपी में है। केंद्र में जाकर अखिलेश न सिर्फ हिंदी पट्टी के राज्य, मुस्लिम बहुल राज्यों में भी पार्टी का जनाधार बनाना चाहते हैं।
कन्नौज सीट से 2019 चुनाव में डिंपल यादव भाजपा प्रत्याशी से हार गई थीं। 2024 में अखिलेश कन्नौज से 1.70 लाख वोट के अंतर से जीत दर्ज की। ऐसे में अखिलेश सीट छोड़कर वहां के लोगों का भरोसा नहीं तोड़ना चाहते।
जल्दी ही यहां होंगे उपचुनाव
विधानसभा सचिवालय ने इस्तीफे मंजूर करने के साथ ही मैनपुरी की करहल और फैजाबाद की मिल्कीपुर विधानसभा सीटें खाली हैं। अब वहां जल्द ही उप चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा गया है।