लखनऊ। यूपी में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के घर के बाहर प्रदर्शन किया। वहां पर अभ्यर्थियों के हंगामा को देखकर पुलिस सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर ईको गार्डन ले गई लेकिन उन्होंने वहां भी खूब हंगामा किया। अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश सरकार 13 दिन में हाईकोर्ट में अपील करे। ताकि पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को राहत और न्याय मिल सके।
जानिए पूरा मामला
बता दें कि हाल ही में हाईकोर्ट की एक बेंच ने 69000 शिक्षक भर्ती में अपना फैसला सुनाया था। जिसके बाद 6800 पदों के लिए भर्ती पर रोक लगा दी गई थी। कोर्ट ने आरक्षण पीड़ितों की दलीलों को मानते हुए सरकार को आदेश दिया कि तीन माह में दोबारा लिस्ट तैयार की जाए। इसी को लेकर सहायक शिक्षक लखनऊ में इकट्ठा हुए हैं। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास के बाहर उन्होंने विरोध-प्रदर्शन किया। जहां पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और आलगबाग स्थित ईको गार्डन में ले गए। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में सही से पैरवी की जाए। उनका कहना है कि शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षण निमयावली का पालन नहीं किया गया था। यदि 13 दिनों के भीतर अभ्यर्थियों को न्याय नहीं मिला तो वो सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
अभ्यर्थियों को मिला अखिलेश यादव का साथ
इस मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आया फ़ैसला, आरक्षण की मूल भावना की विरोधी बीजेपी सरकार की ढीली पैरवी का नतीजा है। बीजेपी दलित-पिछड़ों का हक़ मारने के लिए आरक्षण को विधायी माया जाल में फंसाती है। जातीय जनगणना ही इस समस्या का सही समाधान है। इससे जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण हो पायेगा।
याद रखे बीजेपी …..
पूर्व सीएम अखिलश यादव ने आगे कहा कि जहां अपने हक़ के लिए प्रदर्शन करने का भी हक़ नहीं मिलता हो। उस लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए सबको आगे आना होगा।अब दलित-पिछड़े युवा आरक्षण को लेकर बीजेपी की सोच और साज़िश दोनों को समझ गये हैं। बीजेपी याद रखे युवा में युग बदलने की शक्ति होती है।