लखनऊ। दिल्ली में गर्मी के मौसम की शुरुआत होने लगी है। इस दौरान लोग गर्मी से बचने के लिए एयर कंडीशनर (AC) लगाने की तैयारी करने लगते हैं। हालांकि कई लोग नया AC खरीदने के बजाय किराए पर लेना ज्यादा फायदेमंद समझते हैं, लेकिन यह फैसला कई बार महंगा पड़ सकता है। बिजली बिल बढ़ता […]
लखनऊ। दिल्ली में गर्मी के मौसम की शुरुआत होने लगी है। इस दौरान लोग गर्मी से बचने के लिए एयर कंडीशनर (AC) लगाने की तैयारी करने लगते हैं। हालांकि कई लोग नया AC खरीदने के बजाय किराए पर लेना ज्यादा फायदेमंद समझते हैं, लेकिन यह फैसला कई बार महंगा पड़ सकता है।
कम रेंट पर मिलने वाले AC अक्सर पुराने होते हैं, जिससे कूलिंग कम होने और बार-बार खराब होने जैसी समस्याएं सामने आती हैं। इससे बिजली का बिल भी बढ़ सकता है और लगातार रिपेयरिंग का खर्च भी बढ़ जाता है। ऐसे में अगर आपो आप किराए पर AC लेने का सोच रहे हैं, तो इन कुछ जरूरी बातों का ध्यान अवश्य रखें।
रेंट पर एसी लेते समय उसके साथ मिलने वाला रिमोट भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। इसलिए AC को अपने सामने चलाकर देखें और उसकी कूलिंग चेक करें। AC की बॉडी पर कहीं कोई डैमेज तो नहीं, यह भी देखना जरूरी है। साथ ही, इसमें गैस का लेवल भी जांच लें, क्योंकि कम गैस होने पर कूलिंग पर असर पड़ता है।
AC कितने साल पुराना है और उसकी स्टार रेटिंग क्या है, यह जरूर जांचें। 3-5 साल से ज्यादा पुराने AC की परफॉर्मेंस कमजोर हो सकती है, जिससे यह ज्यादा बिजली खपत करेगा। इसलिए अगर आप अधिक बिजली का बिल भरने से बचना चाहते है तो 5-स्टार रेटिंग वाले एसी आपके लिए सबसे अच्छे रहेंगे।
एसी रेंट पर लेने से पहले डीलर द्वारा दी गई शर्तों को ध्यान से पढ़ें। मेंटेनेंस और सर्विस पॉलिसी की जानकारी एक बार अच्छे से ज़रूर देख लें। कई बार डीलर AC वापस लेने के समय नए चार्ज जोड़ देते हैं, जिससे आपको अतिरिक्त भुगतान करना पड़ सकता है। इसलिए पहले से सभी टर्म्स एंड कंडीशन ध्यान से पढ़ लें.
एसी का टन कमरे के साइज के अनुसार तय करें। छोटे कमरे के लिए 1 टन का AC पर्याप्त होगा, जबकि मीडियम साइज रूम के लिए 1.5 टन का AC सही रहेगा। बड़े कमरे के लिए 2 टन का AC बेहतर ऑप्शन हो सकता है।