लखनऊ। राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामनगरी की सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में दर्शन की नई व्यवस्था मंगलवार से लागू कर दी गई है। रामलला के दर्शन करना धीरे-धीरे आसान हो रहा है।बता दें कि हनुमानगढ़ी के निकास मार्ग पर एक वीआईपी लेन बनाई गई है। इस लेन से केवल वीआईपी यानी विशिष्ट लोगों को […]
लखनऊ। राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामनगरी की सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में दर्शन की नई व्यवस्था मंगलवार से लागू कर दी गई है। रामलला के दर्शन करना धीरे-धीरे आसान हो रहा है।बता दें कि हनुमानगढ़ी के निकास मार्ग पर एक वीआईपी लेन बनाई गई है। इस लेन से केवल वीआईपी यानी विशिष्ट लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। राममंदिर की तुलना में हनुमानगढ़ी में भीड़ का दवाब कम नहीं है। यहां भी रोजाना दो लाख से अधिक भक्त दर्शन-पूजन करने आ रहे हैं।
हनुमानगढ़ी के हनुमंतलला अयोध्या के राजा के रूप में पूजित-प्रतिष्ठित हैं। अयोध्या आने पर सबसे पहले हनुमंतलला के दरबार में हाजिरी लगाने की मान्यता है। इसी के चलते अयोध्या आने वाले श्रद्धालु हनुमानगढ़ी में माथा टेकना नहीं भूलते। हनुमानगढ़ी में वैसे पहले से ही भीड़ का दवाब रहा है, लेकिन राममंदिर के उद्घाटन के बाद से अयोध्या में भीड़ बढ़ी है तो यहां भी भीड़ का दवाब बढ़ा है। इसे देखते हुए हनुमानगढ़ी अखाड़ा ने पिछले दिनों बैठक कर हनुमानगढ़ी में यात्री सुविधाएं विकसित करने की योजना बनाई थी, जिस पर तेजी से काम चल रहा है।
संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास ने बताया कि रामजन्मभूमि की तरह ही हनुमानगढ़ी में भी रोजाना बड़ी संख्या में विशिष्ट जन पहुंचते हैं। भीड़ के चलते उन्हें असुविधा न हो इसके लिए यह व्यवस्था बनाई गई है। मुख्यमंत्री जब भी अयोध्या आते हैं, वह सबसे पहले हनुमानगढ़ी दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इन दिनों देश के अन्य राज्यों के भी मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्यपाल, सांसद सहित न्यायिक व प्रशासनिक सेवा से जुड़े विशिष्ट जन आ रहे हैं। इसे देखते हुए नई व्यवस्था बनाई गई है।