लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 7 खिलाड़ी शनिवार को अधिकारी बन गए हैं। इनमें से 4 खिलाड़ियों की नियुक्ति DSP के तौर पर हुई है। खिलाड़ियों के ऊपर योगी सरकार ने जमकर धनवर्षा की है। दरअसल 189 खिलाड़ियों को 62 करोड़ रुपये मिले हैं। योगी सरकार ने कई खिलाड़ियों को 75 लाख, डेढ़ करोड़, साढ़े 3 […]
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 7 खिलाड़ी शनिवार को अधिकारी बन गए हैं। इनमें से 4 खिलाड़ियों की नियुक्ति DSP के तौर पर हुई है। खिलाड़ियों के ऊपर योगी सरकार ने जमकर धनवर्षा की है। दरअसल 189 खिलाड़ियों को 62 करोड़ रुपये मिले हैं। योगी सरकार ने कई खिलाड़ियों को 75 लाख, डेढ़ करोड़, साढ़े 3 करोड़ तक की राशि खिलाड़ियों को दी है। इनमें से सबसे ज्यादा राशि पारुल चौधरी को दी गई है। पारुल को साढ़े 4 करोड़ रुपये मिले हैं। साथ ही उत्तर प्रदेश का DSP बनाया गया है।
बता दें कि चीन के हांगझोउ में हुए एशियन गेम्स में यूपी के मेरठ की पारुल चौधरी ने स्वर्मिण दौड़ लगाई। उन्होंने 3,000 मीटर स्टीपल चेज में रजत पदक जीता तो 5,000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। पारुल ने इस वर्ष जुलाई में बैंकॉक में आयोजित एशियन एथलेटिक चैंपियनशिप में दो पदक जीते थे। एशियन एथलेटिक चैंपियनशिप में पारुल ने 3,000 मीटर स्टीपल चेज में स्वर्ण पदक जीता था जबकि 5,000 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था। वहीं एशियन गेम्स में स्टीपल चेज में रजत पदक और 5,000 मीटर में स्वर्ण पदक जीता है। 5000 मीटर की दौड़ में पारुल जापान की रीरिका हीरोनेका से पीछे चल रही थीं लेकिन अंतिम 40 मीटर में उन्होंने जापानी प्रतिद्वंदी को पीछे छोड़कर सोना जीत लिया।
पारुल चौधरी इस स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। गोल्डन गर्ल पारुल का जीवन संघर्षमय रहा है। साधारण किसान परिवार में जन्म लेने वाली पारुल ने अपनी बड़ी बहन के साथ गांव में ही खेलों में भाग लेना शुरू किया। गांव की टूटी-फूटी सड़कों पर ही अभ्यास करती थीं। अपने कोच के कहने पर स्टेडियम में जाकर अभ्यास करना शुरू किया। उनकी मां राजेश देवी कहती है कि उनकी बिटिया ने तो गाय का नोनी घी और चने की रोटी खाकर ही गोल्ड जीत लिया।