लखनऊ। यूपी विधानसभा का चार दिवसीय शीतकालीन सत्र 28 नवंबर यानी मंगलवार से शुरू हो गया है। आज सत्र का दूसरा दिन है। यह सत्र 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक चलेगा। आज यानी बुधवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में वित्तीय वर्ष 23-24 अनुपूरक बजट पेश किया। बजट का आकार 28 हजार […]
लखनऊ। यूपी विधानसभा का चार दिवसीय शीतकालीन सत्र 28 नवंबर यानी मंगलवार से शुरू हो गया है। आज सत्र का दूसरा दिन है। यह सत्र 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक चलेगा। आज यानी बुधवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में वित्तीय वर्ष 23-24 अनुपूरक बजट पेश किया। बजट का आकार 28 हजार 760 करोड़ का है। इसमें 7421 करोड़ की नई योजनाओं की व्यवस्था की गई है। बजट में राजस्व खर्च के लिए 1946.39 करोड़ रुपये और पूंजी खर्च के लिए 9714 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वहीं नई योजनाओं के लिए 7421.21 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।
इससे पहले सत्र शुरू होते ही सपा के नेताओं ने सदन में जमकर नारेबाजी की। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने नारेबाजी न करने का आग्रह किया। इस पर जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि- हम लोग सदन में शोर नहीं मचा रहे हैं बल्कि बहरी हो गई सरकार को जगाने का काम कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और मंत्री एके शर्मा पर तंज कसा। जिसके बाद ब्रजेश पाठक और अखिलेश यादव सदन में ही एक दूसरे के आमने-सामने आ गए।
अखिलेश ने ब्रजेश पाठक को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अस्पतालों की तस्वीरें देखकर तकलीफ होती है। जो सरकार डेंगू जैसे बीमारी का इलाज कराने में सक्षम नहीं है वो एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का सपना देख रही है। अखिलेश को जवाब देते हुए ब्रजेश पाठक ने कहा कि हमने टेस्ट बढ़ाये हैं। हर जिले में एलाइजा मशीन है। आपकी पीड़ा बुखार नहीं है बल्कि आप तो राजकुमार हैं जो विपक्ष में बैठना नहीं चाहते हैं।
सत्र में शामिल होने पहुंचे शिवपाल यादव ने कहा कि भाजपा सरकार जनता को सिर्फ धोखा देती है। किसी भी विभाग का बजट का पूरा खर्चा नहीं हुआ तो फिर ऐसे में अनुपूरक बजट जनता को छलावा देने के लिए है। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि आंकड़ों और अफसरों की फाइलों में सूबे का मौसम गुलाबी है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सदन में हंगामे को लेकर कहा कि यह नारेबाजी सोई हुई सरकार को जगाने की आवाज है। बता दें कि सत्र की कार्यवाही में शामिल होने पहुंचे सपा विधायक विधानसभा में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गये। उन्होंने मंहगाई, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान वो काले कपड़े में नजर आये।