लखनऊ। यूपी विधानसभा में पिछले 65 वर्षों से जिस नियमावली को माना जाता था उसमें बदलाव किया गया है। नयी नियमावली के तहत सदस्यों के तेज बोलने-हंसने तक पर रोक लगा दी है। इसके अलावा नियमों को पहले की तुलना में सख्त बना दिया गया है। विधानसभा के सवालों का जवाब नहीं देना अब अफसरों […]
लखनऊ। यूपी विधानसभा में पिछले 65 वर्षों से जिस नियमावली को माना जाता था उसमें बदलाव किया गया है। नयी नियमावली के तहत सदस्यों के तेज बोलने-हंसने तक पर रोक लगा दी है। इसके अलावा नियमों को पहले की तुलना में सख्त बना दिया गया है। विधानसभा के सवालों का जवाब नहीं देना अब अफसरों को महंगा पड़ेगा।
नयी नियमावली के तहत विधानभा के सदस्य अब सदन में मोबाइल लेकर नहीं जा पायेंगे। साथ ही वे सदन में झंडे, प्रतीक या कोई अन्य प्रदर्श वस्तु को प्रदर्शित कर पायेंगे। सभा में अब साहित्य, प्रश्नावली, पुस्तिकाओं, प्रेस टिप्पणियों, पर्चे अदि का भी वितरण नहीं कर सकेंगे। सदन में किसी दस्तावेज को फाड़ने की अनुमति नहीं रहेगी। कोई भी सदस्य अध्यक्ष पीठ के पास स्वयं नहीं जायेंगे।
इसके अलावा सदस्यों द्वारा सदन में पालन किये जाने वाले नियमों में भी वृद्धि की गई है। इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि सदस्य अध्यक्ष की तरफ पीठ करके नहीं बैठेंगे और न ही खड़े होंगे। सदन में शस्त्र लाने और प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं है। साथ ही सदन में धूम्रपान नहीं करेंगे। नई नियमावली में सदस्यों के वेल में आने पर भी रोक लगा दी गयी है। अधिवेशन 15 की जगह 7 दिन में बुलाया जायेगा।